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झारखंड

सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि पर जताई गई चिंता, आवश्यक उपायों को लेकर किया गया विमर्श. ड्रिंक एंड ड्राइव मामलों में बरतें सख्ती, दोषियों पर तत्काल FIR करें.

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जमशेदपुर  |  झारखण्ड

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में हुई जिला यातायात एवं सड़क सुरक्षा समिति की बैठक

सड़क दुर्घटना के घायलों को गोल्डन ऑवर में भर्ती लें निजी अस्पताल, किसी कानूनी प्रक्रिया का सामना नहीं करना होगा 

ड्रिंक एंड ड्राइव मामलों में बरतें सख्ती, दोषियों पर तत्काल एफआईआर करें 

युवाओं का तेज गति से बाइक दौड़ाना चिंताजनक, नाबालिग बच्चों को वाहन नहीं दें

… जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त  

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जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में जिला स्तरीय यातायात एवं सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी संबंधित विभागीय पदाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े। बैठक में गदत माह में हुई सड़क दुर्घटनाओं की विस्तृत समीक्षा, सघन वाहन जांच, हिट एंड रन के मामले में मुआवजा भुगतान, युवाओं के बीच और विद्यालयों में सड़क सुरक्षा संबंधी जागरूकता कार्यक्रम, ब्लैक स्पॉट्स पर किए गए सुधारात्मक कार्य आदि की समीक्षा की गई। 

सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा में यह बात सामने आई कि निजी अस्पताल सड़क दुर्घटना के घायलों को कानूनी प्रक्रिया के चलते जल्दी भर्ती नहीं लेते। जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने आश्वस्त किया कि गोल्डन ऑवर में किसी घायल को निजी अस्पताल भर्ती लेते हैं तो अस्पताल प्रबंधन को किसी भी प्रकार से कानूनी प्रक्रिया में नहीं लाया जाएगा। मानवहित में भी वे सामने आकर मदद करें ताकि घायलों को गोल्डन ऑवर में उचित इलाज मुहैया कराते हुए जनहानि को रोका जा सके। उन्होने सभी निजी अस्पताल प्रबंधक से भी इस संबंध में बैठक रखने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया जिसमें गुड समारिटन एवं गोल्डन ऑवर के बारे में विस्तृत चर्चा की जाएगी।  

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सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि पर जताई गई चिंता, आवश्यक उपायों को लेकर किया गया विमर्श  

गत नवंबर माह में जिले में 38 सड़क दुर्घटनायें हुई जिनमें 31 लोगों की मृत्यु हो गई वहीं 21 लोग घायल हुए। सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि पर जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने चिंता जताते हुए कहा कि त्यौहार के समय में युवाओं पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। युवाओं के बीच यह संदेश जाए कि आपका जान कीमती है, ओवरस्पीडिंग जानलेवा होती है। विशेषकर सभी अभिभावकों को विशेष ध्यान देना होगा कि उनके नाबालिग के हाथ में वाहन नहीं हो। निजी स्कूल प्रबंधन भी ध्यान रखेंगे कि कोई नाबालिग दो पहिया या चार पहिया लेकर स्कूल नहीं आएं।   

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने डीटीओ एवं डीएसपी ट्रैफिक को रैश ड्राइविंग, ड्रिंक एंड ड्राइव को लेकर सघन जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होने निर्देशित किया कि ड्रिंक एंड ड्राइव के आरोपियों पर तत्काल एफआईआर करें। सड़क पर सुरक्षित चलना और दूसरों को भी सुरक्षित रखना, यातायात नियमों का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है, इसे गंभीरता से लेते हुए आम नागरिक जिला प्रशासन को सहयोग करें।   

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सड़कों पर हो उचित मार्किंग और साइनेज

ओवर स्पीडिंग या गलत दिशा में ड्राइविंग से ज्यादातार सड़क दुर्घटनायें हो रही हैं। इस संबंध में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा एनएचएआई (NHAI) के पदाधिकारी को आईआरसी (IRC) के गाइडलाइन के मुताबिक हाईवे पर उचित कार्यवाई किए जाने का निर्देश दिया गया। NHAI, RCD, एवं Jusco को सभी सडकों पर आवश्यकतानुरूप एवं चौक चौराहों पर अनिवार्य रूप से मार्किंग, साइनेज बोर्ड लगाने का निर्देश दिया गया। NHAI, RCD एवं जुस्को को सडकों के फ्लैंक को बेहतर करने, जुस्को को मरीन ड्राइव रोड पर मार्किंग एवं साइनेज बोर्ड तथा रम्बल स्ट्रिप लगाने का निर्देश दिया गया। वहीं हाईवे में ओवरस्पीडिंग पर कार्रवाई करने हेतु पुलिस चेकिंग लगाने का निर्देश दिया गया।  

215 लाइसेंस सस्पेंड, 36 लाख रू. से ज्यादा जुर्माना वसूला गया

नवंबर माह में सड़क सुरक्षा नियमों की अवहेलना पर 215 वाहन चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किया गया । वाहन जांच अभियान में बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चालक और बिना सीटबेल्ट के चारपहिया वाहन चालकों समेत अन्य मामलों में करीब 36 लाख रू. से ज्यादा जुर्माना वसूला गया। 

स्कूल बसों एवं वैन में सुरक्षा मानकों का अनुपालन हो रहा है या नहीं इसकी जांच करने, स्कूल एवं कॉलेजों में सड़क सुरक्षा के प्रति नियमित जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाने का निर्देश दिया गया। युवाओं के बीच जागरूकता अभियान में साइकोलॉजिस्ट से भी सहयोग लेने का निर्देश दिया गया ताकि उनके मनोभाव को समझते हुए जागरुक किया जा सके, समाज एवं घर के प्रति उनकी जिम्मेदारियों, जीवन की सुरक्षा को लेकर काउंसिलिंग की जा सके।  

मुआवजा भुगतान में लायें तेजी

सड़क दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को 2 लाख रू. मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने इसमें तेजी लाते हुए मुआवजा भुगतान करने के निर्देश दिए। अबतक के कुल 41 मामलों में 22 के परिजनों को भगतान किया गया है, लंबित 18 में इंश्योरेंस कंपनी के स्तर पर 12 लंबित हैं।  जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने डीटीओ को इंश्योरेंस कंपनी से पत्राचार कर जल्द मुआवजा भुगतान कराने के निर्देश दिए।  

बैठक में उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार, एसडीएम धालभूम श्री पीयूष सिन्हा, सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी, एसडीएम घाटशिला श्री सत्यवीर रजक, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती निर्मला बरेलिया, डीटीओ श्री धनंजय, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रोहित कुमार, डीएसपी ट्रैफिक श्री अनिमेष गुप्ता, जिला शिक्षा अधीक्षक सुश्री निशु कुमारी, एनएचएआई, आरसीडी के पदाधिकारी, बस एसोसिएशन के प्रतिनिधि समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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