Jamshedpur : अब तक आपने जैट की परीक्षा पास करने के बाद XLRI में पढ़ाई करते विद्यार्थियों को देखा होगा. लेकिन, एक्सएलआरआइ की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर संस्थान प्रबंधन द्वारा एक अनोखे पहल की शुरुआत की गयी है. XLRI की ओर से समाज के अंतिम पायदान पर रहने वाले एससी-एसटी युवाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए उन्हें छह माह के विशेष प्रशिक्षण दी जा रही है. जिसमें एससी-एसटी युवाओं को खास तौर पर डेटा एंट्री, संचार कौशल, परिधान और फैशन डिजाइन, इलेक्ट्रिकल व प्लंबिंग में इंटर्नशिप करवाई जा रही है. ताकि एससी-एसटी युवा तकनीकी रूप से दक्ष होकर अपने पैर पर खड़ा हो सकें.
XLRI के फादर मैकग्रा कौशल विकास केंद्र ने नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है. इस दौरान सभी विद्यार्थियों को खास तौर पर अंग्रेजी बोलना भी सिखाया गया. समापन के अवसर पर विद्यार्थियों ने अंग्रेजी बोलने की क्षमता और छह महीने के कौशल विकास के अनुभव को साझा कर सभी को आकर्षित किया. प्रमाणपत्र वितरण समारोह के बाद प्रशिक्षुओं ने सांस्कृतिक नृत्य और नाटक प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. एक्सएलआरआइ के छात्रों और शिक्षकों ने इन युवाओं की सीखने की क्षमता और आत्मनिर्भर बनने के सपने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों की काफी सराहना की.
पहले बैच के 81 छात्रों को मिला सर्टिफिकेट
छह माह के इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लांच किया जा चुका है. इसे लेकर XLRI कैंपस में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें पहले बैच के कुल 81 विद्यार्थियों को कौशल विकास का सर्टिफिकेट प्रदान किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जमशेदपुर जेसुइट सोसाइटी के अध्यक्ष फादर जेरॉम कुटिना और डीन एकेडमिक्स डॉ. संजय पात्रो उपस्थित थे.
हाशिये पर खड़े लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास : फादर डोनाल्ड
इस अवसर पर XLRI के डीन एडमिनिस्ट्रेशन फादर डोनाल्ड डिसिल्वा ने कहा कि यह कार्यक्रम एक्सएलआरआइ के भुवनेश्वर और फुलबानी स्थित केंद्रों पर जेरोम सेक्वेरा और बिरंची सोरेंग के मार्गदर्शन में संचालित किया गया. इस पहल को XLRI के प्लेटिनम जुबली वर्ष का हिस्सा बनाया गया, जिसमें समाज के वंचित वर्गों के साथ काम करने का निर्णय लिया गया. फादर डोनाल्ड डीसिल्वा ने कहा कि एक्सएलआरआइ की यह पहल युवाओं को साथ लेकर समाज के हाशिए पर खड़े लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक सार्थक कदम है.