डिमना लेक की स्वच्छता के लिए प्रयास आवश्यक

जमशेदपुर: डिमना लेक, जो लौहनगरी जमशेदपुर के लिए एक वरदान है, अपने स्वच्छ और प्राकृतिक जल स्रोत के लिए जाना जाता है। यह झील वर्षभर बारिश के पानी को एकत्रित कर टाटा स्टील कारखाने और शहरवासियों की प्यास बुझाने में अहम भूमिका निभाती है।

हालांकि, मूर्ति विसर्जन और पूजा सामग्री के अवशेषों के कारण झील के किनारों पर गंदगी का अंबार लग जाता है, जो न केवल जल को प्रदूषित करता है बल्कि झील के पर्यावरण पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। प्लास्टिक की थैलियाँ और अन्य कचरा झील में गिरकर मछलियों की मौत का कारण बनते हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

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पूर्व सैनिक एवं स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर सुशील कुमार सिंह ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि झील के किनारे जमा इस गंदगी को साफ करना अत्यंत आवश्यक है। उनका मानना है कि यदि विसर्जन के बाद झील के किनारों पर फैले कचरे को समय रहते साफ करा दिया जाए, तो डिमना लेक की सुंदरता बरकरार रह सकती है। खासकर झील में खिले कमल के फूलों की प्राकृतिक छटा सैलानियों को आकर्षित करेगी, जो पिकनिक सीजन में बड़ी संख्या में डिमना आते हैं।

सुशील कुमार सिंह ने अपील की है कि हमें आस्था के साथ-साथ स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों के माध्यम से इन इलाकों की सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि डिमना लेक का प्राकृतिक सौंदर्य और स्वच्छता कायम रहे।

“आस्था के साथ स्वच्छता को अपनाकर हम अपनी जिम्मेदारी निभाएं और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करें।”
– सुशील कुमार सिंह (पूर्व सैनिक), स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर

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