जमशेदपुर: सोनारी के कचरा डंप में एक बार फिर आग लगने की घटना सामने आई है, जिससे वहां दो वर्ष पहले जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही और मिलीभगत के चलते मानगो नगर निगम और जमशेदपुर अक्षेस का हर प्रकार का कचरा, जिसमें गीला-सूखा कचरा, रासायनिक, मेडिकल, और ई-कचरा शामिल है, यहां डंप किया जा रहा है।
पुरानी शिकायतें फिर उभरीं
दो साल पहले सोनारी के नागरिकों ने इस समस्या को लेकर आवाज उठाई थी। जब सरकार, प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोई ध्यान नहीं दिया, तो सोनारी निवासियों ने वरीय अधिवक्ता संजय उपाध्याय के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का रुख किया। एनजीटी ने कड़ी फटकार लगाते हुए जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्थिति सुधारने का आदेश दिया था। दोनों संस्थाओं ने एनजीटी को शपथपूर्वक आश्वासन देते हुए एक एक्शन प्लान सौंपा था, लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया।
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स्थिति और भी गंभीर
वर्तमान में कचरा डंप की स्थिति पहले से भी अधिक खराब हो चुकी है। आग लगने से वहां के वातावरण में जहरीला धुआं फैल रहा है, जिससे आसपास के लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन अब भी कारगर कदम नहीं उठाता है, तो यह मामला फिर से एनजीटी में ले जाया जाएगा। प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खिलाफ अवमानना का मुकदमा दायर किया जाएगा।
समाज का आक्रोश
स्थानीय नागरिकों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन से शीघ्र कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
तस्वीरें और वीडियो घटना की गंभीरता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं और प्रशासन की उदासीनता पर सवाल उठाते हैं।