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धार्मिक

शिव की नगरी काशी में साक्षात वास करते हैं महादेव – वृजनंदन शास्त्री, मानगो NH 33, वसुन्धरा एस्टेट में शिव कथा का दूसरा दिन।

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जमशेदपुर ।  झारखण्ड 

मानगो एनएच 33 स्थित वसुन्धरा एस्टेट (नियर इरीगेशन कॉलोनी) में श्री शिव महापुराण कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन बुधवार को वृन्दावन से पधारे स्वामी वृजनंदन शास्त्री महाराज ने व्यास पीठ से काशी महात्म एवं रूद्राक्ष महिमा का वर्णन का सुंदर व्याख्यान किया। कथा के दौरान प्रसंग के आधार पर कलाकारों ने जीवंत झांकी भी प्रस्तुत की। महाराज श्री ने कहा कि काशी नगरी पतित पावनी गंगा के तट पर बसी हैं। यह भगवान शिव को समर्पित है तथा स्वर्ण मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। भगवान् शिव का काशी से विशेष महात्य है। इन्हें काशी के नाथ देवता भी कहा जाता है कि जिस बिंदु पर पहले ज्योतिर्लिंग, जो दिव्या प्रकाश में स्थित शिव का प्रकाश है।

काशी में घाट और उत्तरवाहिनी गंगा एवं मंदिर में स्थापित शिवलिंग वाराणसी को धर्म, अध्यात्म, भक्ति एवं ध्यान का महत्वपूर्ण केंद्र की ख्याती प्रदान करता है, क्योंकि शिव की नगरी काशी में महादेव साक्षात वास करते हैं। यहां बाबा विश्वनाथ के दो मंदिर बेहद खास हैं. पहला विश्वनाथ मंदिर जो 12 ज्योतिर्लिंगों में नौवां स्थान स्थान रखता हैं। वहीं दूसरा जिसे नया विश्वनाथ मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर काशी विश्वविद्यालय के प्रांगण में स्थित है। कथावाचक ने आगे रूद्राक्ष की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि रुद्राक्ष का अर्थ है रुद्र का अक्ष। यानी भगवान रुद्र की आंखें। 

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माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से हुई है। उन्होंने कठोर तप के बाद जब आंखें खोली तो उनके आंखों से जो आंसू भूमि पर गिरे उसी से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई। शिवपुराण में रुद्राक्ष की महिमा का वर्णन करते हुए भगवान शिव कहते हैं कि रुद्राक्ष मालाधारी मनुष्य को देखकर मैं शिव, भगवान विष्णु, देवी दुर्गा, गणेश, सूर्य तथा अन्य देवता भी प्रसन्न हो जाते हैं। रुद्राक्ष धारण करना अत्यंत शुभ एवं मंगलकारी है। रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सात्विक होना चाहिए।इसका आयोजन यजमान किरण-उमाशंकर शर्मा द्धारा किया गया हैं। 

बुधवार को विभिन्न राजनीतिक एंव सामाजिक संगठन के गणमान्य आदि ने शैलेन्द्र सिंह, डा. संजय पांडा, दिनेश बागड़िया, नीपम मेहता, प्रंशात, सुनील मारवाह, विशाल अग्रवाल, अमरेनद्र पासवान शिव के दरबार में हाजरी लगायी और कथा का आनन्द लिया। महाराज जी तीसरे दिन गुरूवार को पार्वती तप, शिव आराधना एवं नंदीश्वर महिमा का प्रसंग सुनायेंगे। बुधवार के कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख रूप से कृपाशंकर शर्मा, रामाशंकर शर्मा, गिरजाशंकर शर्मा, भाजयुमो के प्रदेश मीडिया प्रभारी कृष्णा शर्मा उर्फ काली शर्मा, संतोष शर्मा समेत सैकड़ों की संख्या में भक्तगण शामिल थे।

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