जमशेदपुर। जमशेदपुर बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने जिला उपायुक्त से अपील की है कि सरकारी कोर्ट फी और नॉन-जूडिशियल स्टांप पेपर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में केवल ₹1 के स्टांप उपलब्ध हैं, जबकि न्यायालयीन कार्यों के लिए ₹5, ₹15, ₹20, ₹50 और ₹100 के स्टांप की आवश्यकता होती है। इसकी कमी के कारण वकालतनामा, जमानत बंध पत्र, याचिका आवेदन और अन्य कानूनी दस्तावेज दाखिल करने में समस्याएं आ रही हैं।
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प्रभावित हो रहे न्यायालयीन कार्य
अधिवक्ता पप्पू ने बताया कि कोर्ट फी की कमी से न केवल न्यायालयीन कार्य प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि सच्ची प्रतिलिपि की नकल लेने और अन्य दस्तावेजों के लिए भी लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इससे न्यायिक प्रक्रिया में देरी हो रही है और पक्षकारों को बिना काम पूरा किए वापस लौटना पड़ रहा है।
जनता और वकीलों में आक्रोश
इस स्थिति से जनता और वकीलों में भारी आक्रोश है। सुधीर कुमार पप्पू का कहना है कि झारखंड की इस समस्या के कारण अन्य राज्यों से आए लोग राज्य के प्रति नकारात्मक धारणा बना रहे हैं।
चुनावी प्रक्रिया बनी बाधा
उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़-दो महीने से यह समस्या बनी हुई है, और सरकारी विभाग चुनावी प्रक्रिया में व्यस्तता का हवाला देकर इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
ऑफलाइन स्टांप पेपर की मांग
पप्पू ने कहा कि वेंडरों को केवल ऑनलाइन ही नहीं, बल्कि ऑफलाइन नॉन-जूडिशियल स्टांप पेपर भी उपलब्ध कराए जाने चाहिए, क्योंकि नेटवर्क की कमी के कारण कई बार ऑनलाइन प्रक्रिया बाधित होती है।
बार एसोसिएशन से पहल का आग्रह
अधिवक्ता पप्पू ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से भी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है, ताकि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान हो और न्यायिक प्रक्रिया सामान्य हो सके।