जमशेदपुर । झारखण्ड
नवयुग दल (युवा प्रकोष्ठ) एवं प्रज्ञा महिला मंडल गायत्री परिवार टाटानगर द्वारा 24 स्थानों पर संकल्पित 9 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ अभियान के अंतर्गत आज 17वा महायज्ञ गायत्री ज्ञान मंदिर बारीडीह मे उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि के रूप में देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार से आई देव कन्याओं की टोली ने वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के उद्घोष वाक्य मनुष्य में देवत्व तथा धरती पर स्वर्ग का अवतरण के तत्वबोध से सभी उपस्थित श्रद्धालुओं का ज्ञानवर्धन किए।
आज प्रातः कालीन सत्र में हवन यज्ञ को संपन्न कराते हुए गायत्री एवम यज्ञ के महत्व को बताते हुए कहा की भारतीय संस्कृति में यज्ञ को पिता तथा गायत्री को माता की संज्ञा दी गई है। गौ, गंगा गुरु, गीता एवम गायत्री को भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्रों में जितना गायत्री के विषय में कहा एवम लिखा गया है। उतना अन्य किसी विषय में वर्णन नहीं है। हमने यज्ञ और गायत्री से अपने को दूर कर लिया है इसलिए नाना प्रकार की विसंगतियां हमें समाज में दिखाई दे रही है।
हमें पुनः वापस गायत्री एवम यज्ञ को पुनर्स्थापित करना होगा, इसके लिए गायत्री परिवार पूरे विश्व के कोने कोने में राष्ट्र जागरण का अभियान चला रहा है। शायंकालीन सत्र में 1008 दीपों को प्रज्वलित कर दीप यज्ञ संपन्न किया गया। आयोजन को सफल बनाने में श्रीमति गुड्डी देवी, प्रीति सविता, नीरज, उमानाथ, सोनू, देवी शंकर, संतोष महतो, सरोज कुमार, भक्त प्रहलाद, निर्मल कुमार, श्याम शर्मा, गुरुदेव महतो आदि के साथ – साथ नवयुग दल एवं प्रज्ञा महिला मंडल का सराहनीय योगदान रहा।