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झारखंड

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग द्वारा 66वां नेशनल कॉन्वेंशन और 8वीं इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का सफल आयोजन

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जमशेदपुर : इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (IIIE) द्वारा आयोजित 66वें नेशनल कॉन्वेंशन, 8वीं इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस और नेशनल प्रोडक्टिविटी कॉन्टेस्ट का दो दिवसीय कार्यक्रम 27 और 28 सितंबर, 2024 को NH-33 स्थित वेब इंटरनेशनल होटल में संपन्न हुआ। इस आयोजन में देश और विदेश से प्रतिष्ठित कंपनियों के प्रतिनिधि, इंजीनियरिंग और आईआईटी कॉलेजों के प्रोफेसर, लेक्चरर, और अन्य विद्वान शामिल हुए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहित करना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग पर चर्चा करना था।

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उद्घाटन सत्र

कार्यक्रम का उद्घाटन 27 सितंबर की सुबह हुआ, जहां उद्घाटन भाषण में AI और नवाचार के महत्व पर जोर दिया गया। विशेष रूप से यह बताया गया कि कैसे AI टेक्नोलॉजी ने इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। उद्घाटन सत्र में प्रमुख वक्ताओं ने AI और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के अंतर्संबंधों पर गहन चर्चा की।

प्रमुख वक्ताओं ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे AI और मशीन लर्निंग का उपयोग कंपनियों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। कार्यक्रम में देश की प्रमुख कंपनियों के सीईओ और टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने अपने अनुभव और चुनौतियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में AI का उपयोग अनिवार्य हो जाएगा और यह उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

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तकनीकी सत्र

कार्यक्रम के दौरान कई तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए, जिनमें देश-विदेश के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इन सत्रों में AI तकनीक के उपयोग, उसकी सीमाओं, संभावनाओं और भविष्य की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई। IIT के प्रोफेसरों और अन्य शिक्षाविदों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिनमें AI तकनीक की नवीनतम प्रवृत्तियों और इसके औद्योगिक उपयोग के बारे में जानकारी दी गई।

इन सत्रों में उत्पादकता को बढ़ाने के लिए AI आधारित सिस्टम का उपयोग, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन, मशीन लर्निंग के साथ संयोजन, और डेटा एनालिटिक्स की भूमिका पर विशेष रूप से चर्चा की गई। इसके अलावा, कार्यक्रम में इस बात पर भी जोर दिया गया कि AI के साथ इंजीनियरिंग क्षेत्र में आने वाले बदलावों से कैसे निपटा जा सकता है और इस दिशा में आवश्यक कदम क्या हो सकते हैं।

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पुरस्कार वितरण

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और AI के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों और कंपनियों को सम्मानित किया गया। नेशनल प्रोडक्टिविटी कॉन्टेस्ट के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए गए। इस दौरान, इंडस्ट्रियल इंजीनियर्स को उनके नवाचार और AI के उपयोग में योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

AI आधारित परियोजनाओं के लिए विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें ‘बेस्ट इनोवेटिव इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट’, ‘बेस्ट AI इंटिग्रेशन’ और ‘बेस्ट प्रोडक्टिविटी सॉल्यूशन’ शामिल थे। इस अवसर पर प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे AI तकनीक ने उनके संगठनों में उत्पादकता और दक्षता को बढ़ाने में मदद की है।

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समापन

28 सितंबर को समापन सत्र में प्रतिभागियों ने अपनी राय और अनुभव साझा किए। यह निष्कर्ष निकाला गया कि AI और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग का संयोजन आने वाले समय में उद्योग के हर क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा।

समापन सत्र में यह भी घोषणा की गई कि अगले वर्ष के नेशनल कॉन्वेंशन का आयोजन अन्य राज्यों में किया जाएगा, जहां और भी अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। आयोजकों ने इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से भारत में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।

इस दो दिवसीय कार्यक्रम ने न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में AI के उपयोग और नवाचार को नई दिशा दी। प्रतिभागियों ने इस आयोजन की सराहना की और इसे एक महत्वपूर्ण मंच बताया जहां विशेषज्ञों और कंपनियों को एक साथ आकर अपने अनुभव साझा करने का अवसर मिला।

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