जमशेदपुर। शहर के अधिवक्ता एवं समाजवादी चिंतक सुधीर कुमार पप्पू ने शहर में विकसित हो रही खाओ गली संस्कृति पर रोक लगाने का आग्रह जिला एवं पुलिस प्रशासन से किया है।
पिछले कुछ वर्षों से अपराधियों और नशेड़ियों में ठेला दुकान गुमटी लगाने की होड़ सी मची हुई है। जनप्रतिनिधि, पुलिस प्रशासन जेएनएसी तथा टाटा स्टील के पदाधिकारीगण मुकदर्शक बने हुए हैं। शहर के चारों तरफ अतिक्रमण अपनी चरम सीमा पर है सरकारी हो या गैर सरकारी जमीन दबंगो के माध्यम से खरीद बिक्री का खेल चल रहा है। वहीं नई संस्कृति पनपी है कि किसी भी रोड के किनारे दुकान या ठेला लगा दिया जाता है, भाड़ा पर लगाकर अवैध कमाई की जाती है।
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ये अपने ठेले और दुकान से विभिन्न तरह के नशे का गैर कानूनी वस्तुएं उपलब्ध करवाते हैं, रात में खुलेआम ठेले या दुकान के ऊपर रखकर सेवन करते हैं और कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते रहते हैं। जिसके चलते आम जनता को भी काफी मुश्किल और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हर रोज़ सड़क जाम, गुंडे नशेड़ियों के माध्यम से रोड पर लगे हुए ठेले में ही नशीले पदार्थ का सेवन,आते जाते माता और बहनों के साथ छेड़खानी गंदे भद्दे कमेंट,चैन स्नेचिंग, मोबाइल चोरी, किसके साथ कभी भी मारपीट खून खराबा और भी तरह-तरह के गैर कानूनी हरकतें होते रहते हैं।
आज के समय में इसी किस्म के अतिक्रमित जगह में ठेला और दुकान लगाकर उसे जगह को खाओ-गली बनाने का नया फैशन जमशेदपुर शहर में चल रहा है।जिस पर प्रशासनिक अधिकारी टाटा स्टील के पदाधिकारी, जेएनएसी के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि गण सांसद विधायक मंत्री मुंह में दही जमाए बैठे रहते हैं।जब कोई अप्रिय घटना घट जाती है तब सभी आंदोलन करने पर उतारू होते हैं।
बिस्टुपुर, साकची, कदमा, सोनारी और जमशेदपुर के हर जगह से सबको मुक्त करवा दिया जाए और सभी रास्तो को अतिक्रमण मुक्त किया जाए तो शायद जमशेदपुर की जनता चैन से और बेझिझक आना-जाना कर सकेंग, एवं नशा मुक्त शहर बन पाएगा।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने जमशेदपुर के पुलिस प्रशासनिक अधिकारियो और जेएनएसी से इसके निवारण करने का प्रयास करने की जरुरत पर बल दिया है।