प्रभारी जयश्री किरण के तानाशाही रवैये के कारण मानवाधिकार आयोग के मुख्य सचिव तक पहुंची शिकायत।
जमशेदपुर: मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली और झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर क्षेत्र के लोगों द्वारा आवेदन दिया गया है, जिस पर कहा गया है कि जगन्नाथपुर की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जयश्री किरण तानाशाही रवैया अपनाकर चिकित्सा कर्मियों का मानसिक शोषण कर रही हैं। जिसके कारण कई कर्मचारी दबाव में आकर तबादला करा चुके हैं या नौकरी छोड़ चुके हैं।
तबादला कराकर नौकरी छोड़ने वालों में मुख्य नाम अनिमा टोप्पो सीएचओ, सलीमा पांडू, शशि लकड़ा, कृति केरकेट्टा, रीमा सुमन, संगीता तिर्की समेत कई अन्य हैं। जबकि नौकरी छोड़ने वालों में मंजुला डुंगडुंग, एएनएम, जसिंता जामुदा, सुमित्रा सुंडी शामिल हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान ने बताया कि कर्मचारियों ने इसकी शिकायत सिविल सर्जन चाईबासा और उपायुक्त चाईबासा से भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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अस्पताल की दुर्दशा समाचार पत्रों के माध्यम से पता चलती है। प्रभारी डॉक्टर जय श्री किरण के आने के बाद स्थिति और खराब हो गई है। कर्मचारियों का शोषण मानवाधिकार के उल्लंघन का मामला बनता है। इसलिए आवेदन के आलोक में मैंने झारखंड के मुख्य सचिव और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत दर्ज कराई है।
इसकी प्रतिलिपि उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम और सिविल सर्जन को भी भेजी गई है। हमारी तीन सूत्री मांग है कि प्रभारी डॉक्टर जयश्री किरण को जगन्नाथपुर से हटाकर सोनुआ अस्पताल में पुनः पदस्थापित किया जाए। जगन्नाथपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा को बहाल करने और बेहतर बनाने के लिए सभी कर्मचारियों को वापस बुलाया जाए।
डॉक्टर जयश्री किरण और अस्पताल के कर्मचारियों आदि के मानसिक शोषण की जांच कर कार्रवाई करने की मांग विभाग से की गई है।