चक्रधरपुर (Jay Kumar)- पंचायती राज विभाग द्वारा डिजीटल पंचायत परियोजना अन्र्तगत मनोनित प्रक्षा केन्द्र संचालकों के समस्यायों का निराकरण को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई को मांगपत्र सौंपा.
मांगपत्र में कहा गया कि वर्षों से पंचायत स्तर पर कार्य करने वाले प्रज्ञा केन्द्र संचालकों के लिए वर्तमान सरकार के द्वारा सराहनीय पहल करते हुए डिजीटल पंचायत परियोजना की शुरुआत की गई है. जो बहुत ही अच्छी एवं जन उपयोगी है. इससे आम जनों को अब सरकार की सभी महत्वकांक्षी योजना एवं अन्य सेवा पंचायत भवन में ही उपलब्ध हो जायेगी और किसी को प्रखण्ड मुख्यालय का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा.
डिजीटल पंचायत परियोजना अन्र्तगत पंचायत भवन में कार्य करने के लिए प्रज्ञा केन्द्र संचालकों के लिए सरकार प्रत्येक ग्रहीता प्रति पंचायत 7550/50 बहन कर रही है. परन्तु एमएससीएससी ई गोवमेंट सर्विस इंडिया लिमिटेड द्वारा प्रज्ञा केन्द्र संचालकों को मात्र 2475 रु० ही भुगतान किया जा रहा हैं. जो किसी स्तर से भी सम्मान जनक नहीं है, एवं सरकार के निर्देश के बाबजूद अभी तक मनरेगा, 15वीं वित आयोग, जन्म मृत्यु आदि का कार्य पंचायत स्तर पर नहीं दिया गया है. जिससे आम जनों को विवश होकर पूर्व की भाँति प्रखण्ड मुख्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा डीजीटल पंचायत परियोजना अन्र्तगत सरकार द्वारा बहन की जा रही प्रति पंचायत राशि 7550/00 में से 2475/50 के बदले वर्तमान मंहगाई को देखते हुए एक सम्मान जनक मानदेय दिया जाय.पंचायत भवन में डिजीटल पंचायत परियोजना का कार्य करने वाले सभी मनोनित प्रज्ञा केन्द्र संचालकों को सरकार द्वारा पंचायती राज विभाग में समायोजित किया जाय.
सरकार की महत्वकाँक्षी योजना मनरेगा, 15वीं वित आयोग, एवं जन्म-मृत्यु आदि कार्यों को यथा शीघ्र पंचायत स्तर पर कराने का निर्देश दिया जाय. ताकि सरकार के विकास की गति धरातल पर साफ नजर आये.सारी समस्याएं जानने के बाद डॉ विजय सिंह गागराई ने आश्वासन दिया कि आपकी मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जाएगी. कोशिश किया जाएगा कि आपकी मांग को यथा शीघ्र पूरा किया जाए.
इस मौके पर डिजिटल पंचायत प्रज्ञा केंद्र संचालक संघ झारखंड जिला इकाई पश्चिम सिंहभूम के मुख्य संरक्षक सह प्रदेश उपाध्यक्ष अजय कुमार बागती, प्रदेश कोषाध्यक्ष सह जिला सचिव फनी भूषण महतो, जिला सह सचिव रॉबिनसन हेंब्रम एवं प्रज्ञा केंद्र संचालक महेश प्रधान, सिकन्दर कुमार बागती, दामु राम दिग्गी, मंगल प्रसाद महतो, आदि उपस्थित थे.