जमशेदपुर | झारखण्ड
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व सांसद डॉ अजय कुमार ने लातेहार में अजय सिन्हा की संदिग्धावस्था में मिले शव को लेकर शोक व्यक्त किया है. डाॅ.अजय ने AISMJWA के राष्ट्रीय महासचिव प्रीतम सिंह भाटिया के ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि अजय सिन्हा के परिवार के साथ मेरी संवेदना है और इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. इस घटना को दुखद बताते हुए डॉ अजय ने कहा है कि ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती इसलिए झारखंड पुलिस को तुरंत इस मामले की जांच करनी चाहिए.
अपने इस ट्वीट पर डॉक्टर अजय ने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को भी टैग किया है.
बताते चलें कि प्रीतम भाटिया ने अजय सिन्हा की लातेहार में रेलवे ट्रैक किनारे मिले क्षत-विक्षत शव को लेकर ट्विटर पर मुख्यमंत्री को उच्च स्तरीय जांच के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी का अनुरोध किया था.
ऐसोसिएशन के लातेहार से जुड़े पत्रकारों ने जब प्रीतम भाटिया को बताया कि पलामू प्रमंडल के प्रभारी अजय सिन्हा का शव सदर थाना अंतर्गत रेलवे ट्रैक के किनारे मिला है तब श्री भाटिया ने इस मामले की जानकारी डॉ अजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार, लातेहार के डीएसपी सहित अन्य कई पत्रकार संगठनों को भी दी.
ऐसोसिएशन के लातेहार से पूर्व जिलाध्यक्ष और वर्तमान प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रौशन गुप्ता व बबलू खान सहित अन्य पत्रकार मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. लातेहार और आस-पास के अन्य जिलों के पत्रकार इस दुखद घटना को अलर्ट मोड पर हैं कि पुलिस के खुलासे के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट का कुछ पता नहीं चला है हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है. उम्मीद है कि कल इस मामले का खुलासा हो क्यों कि ऐसोसिएशन से जुड़े तमाम पत्रकारों ने जिला प्रशासन को 24 का अल्टिमेटम दिया है कि प्रशासन इस मामले का अविलंब खुलासा करें.
ऐसोसिएशन के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष शैलेंद्र जायसवाल बंटी ने कहा कि इस घटना से ऐसोसिएशन को बड़ी क्षति हुई है क्योंकि अजय सिन्हा पलामू प्रमंडल में ऐसोसिएशन की न सिर्फ मजबूत रीढ़ थे बल्कि बेबाक पत्रकारों में गिने जाते थे.
ऐसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी गणेश मिश्रा और सह प्रभारी शंकर गुप्ता ने कहा है कि राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा और बीमा का वादा किया गया है लेकिन इस पर अब तक कोई योजना नहीं बनाई गई. ऐसोसिएशन के तमाम पदाधिकारियों ने घटना की निंदा करते हुए मामले का शीघ्र उद्भेदन की मांग की राज्य सरकार और जिला प्रशासन से की है.