टाटानगर, 22 जून 2024: टाटानगर रेलवे स्टेशन परिसर में शुक्रवार शाम को 8 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। इस घटना ने रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था, आरपीएफ और जीआरपी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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घटना का विवरण:
- 8 साल की मासूम बच्ची अपनी मां के साथ ट्रेन में यात्रियों से मांगकर गुजारा करती थी।
- शुक्रवार शाम को, आरोपी शिलभ कुमार (जो खुद को ओडिशा का कटक का रहने वाला बताता है) ने बच्ची को बिस्कुट देने के बहाने प्लेटफार्म नंबर एक के किनारे खड़ी एक कंडम कोच में ले गया।
- वहां उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। बच्ची की चीखें सुनकर आसपास मौजूद पार्सल एजेंटों ने उसे बचाया और आरोपी को पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि घटना के समय 4 अन्य लड़के भी मौजूद थे, लेकिन वे फरार हो गए।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल:
- इस घटना ने टाटानगर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- आरपीएफ स्टेशन पर सुरक्षा का दावा करती है, लेकिन दिनदहाड़े इतनी बड़ी घटना घटने पर सवाल उठता है कि उस समय आरपीएफ के जवान और अधिकारी कहां थे।
- यह भी सामने आया है कि टाटानगर स्टेशन पर पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, जिन पर ध्यान नहीं दिया गया।
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रेल एसपी:
- रेल एसपी ने घटना की पुष्टि कि, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- फरारी की बात को झुठलाते हुए कहा – सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।
- उन्होंने यह भी कहा कि वे इस घटना की गहन जांच कराएंगे और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाएंगे।
पीड़िता का इलाज:
- मासूम बच्ची को घटना के बाद खासमहल के रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया है।
- यह घटना निश्चित रूप से चिंताजनक है और रेलवे प्रशासन से इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई की उम्मीद की जाती है।
- टाटानगर रेलवे स्टेशन पर 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म: सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
- इस घटना से स्थानीय लोग काफी गुस्से में हैं।
- उनका कहना है कि रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था बहुत ही लचर है।
- उन्होंने रेल प्रशासन से स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की मांग की है।
यह घटना एक बार फिर रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। रेल प्रशासन को इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए।