टाटानगर, 20 मार्च 2024: आज टाटानगर उपजोंन के सभी तीन जिलों में पूर्वी जोन और शक्तिपीठ प्रकोष्ठ के प्रभारी आदरणीय श्री योगेन्द्र गिरिजी का आगमन हुआ। श्री गिरिजी शांतिकुंज हरिद्वार में पूर्वी जोन और शक्तिपीठ प्रकोष्ठ के प्रभारी हैं।
अपने आगमन पर श्री गिरिजी ने सबसे पहले सरायकेला के सक्रिय कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श किया। उसके बाद वे पश्चिम सिंहभूम के चाईबासा के लिए रवाना हुए। वहाँ उन्होंने बाबा भोलेनाथ का दर्शन किया और गायत्री शक्तिपीठ, डुंगरी में सक्रिय गायत्री परिवार के परिजनों को सबोधित किया।
इसके बाद श्री गिरिजी जादूगोड़ा के माता राकिनी मंदिर में पूजन अर्चन करने गए। वहाँ से वे पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया में बन रहे गायत्री शक्तिपीठ परिसर में गए। वहाँ उन्होंने गुरुदेव और माताजी के प्रतीक स्वरूप बनने वाले प्रखर प्रज्ञा और सजल श्रद्धा स्थल का भूमि पूजन किया।
इस अवसर पर श्री गिरिजी ने स्थानीय सक्रिय कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन भी किया।
इस यात्रा के लिए प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक श्री संतोष कुमार राय ने आदरणीय योगेन्द्र गिरिजी का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर झारखंड के जोनल समन्वयक श्री रामनरेश प्रसाद, टाटानगर उपजोन के समन्वयक श्री कमल कांत मंडल, सरायकेला जिले से मुख्य ट्रस्टी श्री शम्भु अग्रवाल, चाईबासा से श्री समीर दास, श्रीमती चंचला देवी, श्री परमेस्वर सिंह, डॉ अनुज चक्रवर्ती और पूर्वी सिंहभूम से श्री दिनेश सिंह, श्री राजेश लोधा, श्री राजेन्द्र लोधा, श्री माणिक सरदार, श्री जितेन महतो सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
श्री योगेन्द्र गिरिजी ने अपने संबोधन में कहा:
- गायत्री परिवार एक सामाजिक-धार्मिक संगठन है जो लोगों को आत्म-विकास और समाज सेवा के लिए प्रेरित करता है।
- गायत्री परिवार का मुख्य उद्देश्य लोगों को गायत्री मंत्र का उपदेश देना और उन्हें इसका अभ्यास करने के लिए प्रेरित करना है।
- गायत्री मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो लोगों को जीवन में सफलता और खुशी प्राप्त करने में मदद करता है।
श्री गिरिजी ने लोगों से आग्रह किया:
- वे गायत्री परिवार की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लें।
- वे गायत्री मंत्र का नियमित रूप से अभ्यास करें।
- वे समाज सेवा के कार्यों में भाग लें।