Devotional : शनिवार 28 जनवरी, 2023
अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर का निर्माण ज़ोर शोर से चल रहा है। ऐसा अनुमान है की वर्ष के अंत तक इनका निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा। इसकी बनावट की सुंदरता और इसकी भव्यता इस मंदिर को दूसरों से अलग बनाती है। ऐसे में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और माता सीता की मूर्ति का निर्माण भी विशेष शिला से किया जाना है। लम्बी खोज और सोच – विचार के उपरांत वो शिला नेपाल के गंडकी नदी में मिला। मूर्ति का निर्माण नेपाल के गंडकी नदी में पाया जाने वाला शालिग्राम पत्थरो द्वारा किया जायेगा। बताया जाता है कि यह देव शिला शालिग्राम का पत्थर सिर्फ काली गंडकी नदी, नेपाल में ही पाया जाता है।
आपको यह बता दें की भगवान श्री राम और माता सीता का जिन शालिग्राम पत्थरो द्वारा निर्मित किया जायेगा वह लगभग 6 करोड़ वर्ष पुराने है। अयोध्या के श्री राम मंदिर में इन 2 पत्थरों का उपयोग श्री राम के बाल स्वरुप मूर्ति और माता सीता की मूर्ति बनाने के लिए तय किया गया है। ये शालिग्राम पत्थर पोखरा, नेपाल से अयोध्या भारत लाया जा रहा है। जहाँ – जहाँ से ये शालिग्राम पत्थर गुजर रहे है, भक्त श्रद्धापूर्वक नतमस्तक होकर सिर झुका रहे हैं। भक्तो में अजीब सी भक्ति देखी जा रही है, हर कोई इन पत्थरो की पूजा अर्चना करना चाहता है और इस मनमोहक दृश्ये को अपने नैनो में भर लेना चाहता है।
इस शिलाखंड की विशेषता क्या है ?
आपको बता दें की ये दोनों प्राचीन शिलाखंड शालिग्राम पत्थर कली गंडकी नदी नेपाल के किनारे से लिया गया है, ये नदी दामोदरकुंड से निकलकर गंगा नदी में मिल जाती है। पहला शिला खंड 26 टन का है और दूसरा 14 टन का है। इन दोनों शिलाखंडो को निकालने ने पहले कली गंडकी नदी से क्षमा पूजा की गई और विशेष पूजा के उपरांत ही इन्हें वहां से ले जाया गया। इन शिला खंडो को 26 जनवरी 2023 के दिन गुरुवार को गलेश्वर महादेव शिव मंदिर में दिव्य मंत्रोउच्चारण एवं वैदिक रीति से रुद्राभिषेक करके प्राप्त किया गया। ये सालिग्राम पत्थर 30 जनवरी 2023 को नेपाल के पोखरा से अयोध्या के लिए रोड के रास्ते प्रस्थान करेंगे।