JASMHEDPUR : मोमीन अंसार सभा एम.एस.आई.टी.आई. के तत्वावधान में वीर शहीदों को याद करते हुए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक शैख बुखारी (बिखारी) और टिकैत उमराव सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बताया गया कि रांची के पास चुटू पलु घाटी में इन वीर सेनानियों को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था।
कार्यक्रम में परदेस अध्यक्ष श्री खालिद इकबाल ने कहा, “ऐतिहासिक नायकों को याद करना, उनकी कुर्बानियों को सम्मान देना और समाज को उनके योगदान से प्रेरित करना हमारा कर्तव्य है। शैख बुखारी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”
शैख बुखारी: झारखंड के टीपू सुल्तान
श्री खालिद इकबाल ने बताया कि शैख बुखारी झारखंड के एक जमींदार और कुशल सैन्य रणनीतिकार थे। उन्होंने टिकैत उमराव सिंह के साथ मिलकर 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जोरदार लड़ाई लड़ी और वीरगति को प्राप्त हुए। शैख बुखारी का झारखंड के इतिहास में एक विशेष स्थान है।
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झारखंड सरकार से की गई मांग:
सभा ने झारखंड सरकार से मांग की कि शहीद शैख बुखारी के नाम पर सड़क, विश्वविद्यालय, अस्पताल, स्टेडियम, और अन्य सार्वजनिक स्थल बनाए जाएं। साथ ही, उनकी वीरता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ताकि नई पीढ़ी उनके बलिदान से प्रेरणा ले सके।
कार्यक्रम के अंत में श्री खालिद इकबाल ने शहीदों को खराज-ए-अकीदत (श्रद्धांजलि) पेश करते हुए कहा, “शैख बुखारी, झारखंड के टीपू सुल्तान, को हमारा सलाम। उनकी कुर्बानी हमें हमेशा स्वतंत्रता और सशक्तिकरण की राह दिखाती रहेगी।”