HEALTH : HMP वायरस, जिसे वैज्ञानिक रूप से ह्यूमन मेटापनेउमोवायरस (Human Metapneumovirus, HMPV) के नाम से जाना जाता है, एक रेस्पिरेटरी वायरस है। यह वायरस इंसानों के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और मुख्यतः बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को प्रभावित करता है।
HMP वायरस का इतिहास:
- पहचान:
HMP वायरस की पहचान पहली बार 2001 में नीदरलैंड्स में हुई थी। इसे पैरामाइक्सोविरिडे (Paramyxoviridae) फैमिली का सदस्य माना जाता है, जो अन्य वायरस जैसे रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (RSV) और मीज़ल्स (Measles) से संबंधित है। - संक्रमण के लक्षण:
- बुखार
- खांसी
- गले में खराश
- नाक बंद या बहना
- सांस लेने में तकलीफ (severe cases में)
- निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस जैसे गंभीर लक्षण हो सकते हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।
- संक्रमण का प्रसार:
यह वायरस इंसानों में श्वसन बूंदों (respiratory droplets) के माध्यम से फैलता है। यह RSV के समान संक्रमण का कारण बनता है और आमतौर पर सर्दियों और वसंत के मौसम में सक्रिय रहता है। - चिकित्सा और उपचार:
- HMP वायरस के लिए फिलहाल कोई विशेष एंटीवायरल दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।
- उपचार मुख्य रूप से लक्षणों को कम करने और मरीज की स्थिति को स्थिर रखने पर आधारित होता है, जैसे हाइड्रेशन, बुखार के लिए दवाएं, और ऑक्सीजन सपोर्ट।
- महत्वपूर्ण बिंदु:
- अधिकांश संक्रमित व्यक्ति हल्के लक्षणों के साथ ठीक हो जाते हैं।
- कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों और बच्चों में यह वायरस गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।
भारत में HMP वायरस का केस:
भारत में HMP वायरस का पहला मामला बेंगलुरु में 8 महीने के एक बच्चे में पाया गया। यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि बच्चे की कोई चीन यात्रा की हिस्ट्री नहीं है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह वायरस लोकल स्तर पर भी प्रसारित हो सकता है। इससे यह समझ आता है कि HMP वायरस का संक्रमण अब वैश्विक हो चुका है और इसका ध्यानपूर्वक अध्ययन व निगरानी आवश्यक है।
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HMP वायरस (ह्यूमन मेटापनेउमोवायरस) और कोरोना वायरस (SARS-CoV-2, जो COVID-19 का कारण बना) में कई अंतर हैं। इनकी तुलना निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से की जा सकती है:
1. वायरस का प्रकार
- HMP वायरस: यह पैरामाइक्सोविरिडे (Paramyxoviridae) परिवार से संबंधित है।
- कोरोना वायरस: यह कोरोनाविरिडे (Coronaviridae) परिवार से संबंधित है।
2. पहचान
- HMP वायरस: पहली बार 2001 में नीदरलैंड्स में खोजा गया।
- कोरोना वायरस: SARS-CoV-2 की पहचान 2019 में चीन के वुहान शहर में हुई।
3. लक्षण
- HMP वायरस:
- हल्का बुखार
- खांसी
- गले में खराश
- सांस लेने में तकलीफ (गंभीर मामलों में)
- मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को प्रभावित करता है।
- कोरोना वायरस:
- तेज बुखार
- सूखी खांसी
- स्वाद और गंध का चले जाना
- मांसपेशियों में दर्द
- सांस की गंभीर समस्या (गंभीर मामलों में निमोनिया)
- यह किसी भी आयु वर्ग को प्रभावित कर सकता है, हालांकि गंभीर मामले बुजुर्गों और कोमोरबिडिटी वाले लोगों में अधिक देखे गए।
4. संक्रमण का प्रसार
- HMP वायरस:
- यह मुख्य रूप से श्वसन बूंदों (respiratory droplets) से फैलता है।
- यह अक्सर सर्दियों और वसंत ऋतु में अधिक सक्रिय होता है।
- कोरोना वायरस:
- यह श्वसन बूंदों, सतहों के संपर्क और एयरोसोल के माध्यम से तेजी से फैलता है।
- यह सालभर सक्रिय रह सकता है और अत्यधिक संक्रामक है।
5. गंभीरता और मृत्यु दर
- HMP वायरस:
- सामान्यत: हल्के लक्षणों वाला होता है।
- गंभीरता दुर्लभ है और मुख्यतः कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों में होती है।
- कोरोना वायरस:
- उच्च संक्रमण दर और गंभीर लक्षण, जिनमें मृत्यु का खतरा अधिक होता है, खासकर बिना टीकाकरण वाले लोगों में।
6. उपचार और वैक्सीन
- HMP वायरस:
- इसका कोई विशिष्ट इलाज या वैक्सीन नहीं है।
- इलाज लक्षणों को नियंत्रित करने पर आधारित है।
- कोरोना वायरस:
- इसके लिए कई वैक्सीन (जैसे Covaxin, Covishield, Pfizer, आदि) उपलब्ध हैं।
- एंटीवायरल दवाएं (जैसे रेमडेसिविर) और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उपयोग गंभीर मामलों में किया जाता है।
7. वैश्विक प्रभाव
- HMP वायरस:
- यह सीमित स्तर पर संक्रमण फैलाता है और महामारी का रूप नहीं लेता।
- कोरोना वायरस:
- यह एक वैश्विक महामारी (COVID-19) का कारण बना, जिसने लाखों लोगों की जान ली और व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव डाला।
वायरस से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1. स्वच्छता बनाए रखें
- अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।
- अगर साबुन उपलब्ध न हो, तो 60% अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
- अपनी आंख, नाक और मुंह को गंदे हाथों से छूने से बचें।
2. भीड़भाड़ से बचें
- सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें, विशेषकर जब वहां ज्यादा भीड़ हो।
- बीमार व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें।
3. मास्क पहनें
- बाहर जाते समय या भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग करें।
- मास्क को नियमित रूप से धोएं या बदलें (यदि यह डिस्पोजेबल है)।
4. सांस की स्वच्छता अपनाएं
- खांसते या छींकते समय अपनी नाक और मुंह को टिशू या कोहनी से ढकें।
- इस्तेमाल किए गए टिशू को तुरंत कूड़ेदान में डालें और हाथ धो लें।
5. इम्यूनिटी मजबूत करें
- संतुलित आहार लें जिसमें फल, सब्जियां, दालें और प्रोटीन शामिल हों।
- रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें।
- नियमित रूप से योग और व्यायाम करें।
- विटामिन C और D युक्त भोजन का सेवन करें।
6. स्वास्थ्य पर ध्यान दें
- अगर आपको बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- अपने शरीर में हो रहे किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें।
7. टीकाकरण करवाएं
- अगर किसी वायरस के लिए टीका उपलब्ध है, तो उसे समय पर लगवाएं।
- टीकाकरण से गंभीर संक्रमण और इसके प्रभाव से बचा जा सकता है।
8. सतहों की सफाई करें
- ऐसी सतहों को नियमित रूप से साफ और कीटाणुरहित करें जिन्हें अक्सर छुआ जाता है, जैसे मोबाइल, डोर हैंडल, लाइट स्विच आदि।
9. जानकारी से सचेत रहें
- सही और विश्वसनीय स्रोतों (जैसे WHO, स्वास्थ्य मंत्रालय) से ही वायरस से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
- अफवाहों और गलत जानकारी से बचें।
10. बीमार महसूस करने पर अलग रहें
- अगर आप बीमार महसूस कर रहे हैं, तो घर पर रहें और दूसरों से संपर्क कम करें।
- लक्षण गंभीर होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
इन सरल उपायों को अपनाकर आप न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार और समाज को भी वायरस से सुरक्षित रख सकते हैं।
HMP वायरस और कोरोना वायरस दोनों ही श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं, लेकिन कोरोना वायरस अधिक संक्रामक, घातक और व्यापक प्रभाव डालने वाला है। वहीं, HMP वायरस अपेक्षाकृत हल्का और सीमित प्रभाव वाला है। दोनों से बचाव के लिए स्वच्छता, भीड़भाड़ से बचना, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है।