दुनियां के अमीरों की लिस्ट में एक और नाम जुड़ चुका है और वह नाम है- विटालिक बुटेरिन (Vitalik Buterin) का जो मात्र 27 वर्ष के हैं। भविष्य को लेकर इनकी सोच, मेहनत और आज की टेक्नोलॉजी का ज्ञान इन्हें अरबपति बनाने में सहयोग किया है। वेबसाइट नेट वर्थ की जानकारी के मुताबिक, विश्व के टॉप 100 रईसों की सूची में इनका स्थान 67वां है।
विटालिक बुटेरिन (Vitalik Buterin) का जन्म रूस के कोलोम्ना में 31 जनवरी 1994 में हुआ था। उनके पिता डमेट्री बटरिंन (Dmitry Buterin) जो एक कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं और माँ नतालिया एमेलिन (Natalia Ameline) के यहाँ हुआ था। जब विटालिक बुटेरिन (Vitalik Buterin) छह साल का हुआ तब उनके माता-पिता ने बेहतर रोजगार की तलाश में कनाडा चले आये। कनाडा में ही इनकी प्राथमिक शिक्षा पूरी हुई। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे और इन्हें गणित, प्रोग्रामिंग और अर्थशास्त्र में रुचि थी। टोरंटो के एक निजी हाई स्कूल एबेलार्ड स्कूल में पढ़ाई पूरी की। हाई स्कूल के बाद आगे की पढ़ाई वाटरलू विश्वविद्यालय से किया।
मात्र 17 साल की उम्र में इन्होंने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जाना। इनके पिता से इन्हें क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के बारे में विस्तृत जानकारी मिली।
अब आपको यह जानकर हैरानी होगी कि विटालिक कंप्यूटर प्रोग्रामर के साथ-साथ दुनिया की दूसरी सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम के को-फाउंडर भी हैं। वहीं एक साल पहले आई क्रिप्टो करेंसी SHIB के भी फाउंडर हैं। अपनी रुचि को बढ़ाते हुए उन्होंने यह स्थान हासिल किया है। वर्ष 2015 में इन्होंने ईथरियम के प्रोजेक्ट को तैयार किया जो कि आज के समय में बिटकॉइन को कड़ी टक्कर दे रहा है।
आज के समय में विटालिक के पास कुल 21 अरब डॉलर की संपत्ति है। जिसमें 18.5 अरब डॉलर की SHIB, 920 मिलियन डॉलर की AKITA, 1.3 अरब डॉलर की इथेरियम, 375 मिलियन डॉलर की डॉगलेन क्रिप्टोकरेंसी है। इसलिए इन्हें डिजिटल करेंसी का मास्टर कहा जाने लगा है।
बता दें कि वर्ष 2011 में इन्होंने बिटकॉइन मैगजीन की शुरुआत की थी। वर्ष 2014 में इन्हें 1 लाख डॉलर की थाइल फेलोशिप मिली और उसकी मदद से उन्होंने इथेरियम ब्लॉकचेन को डेवलप किया।
और आज एथेरियम दूसरी सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है। जिस वजह से वर्तमान में विटालिक बुटेरिन की कुल संपत्ति आधिकारिक तौर पर पहली बार 1 बिलियन डॉलर से भी अधिक आंकी गई है।
बता दें की विटालिक बुटेरिन ने कोरोना महामारी के इस दौर में इससे उबरने के लिए भारत को अबतक का सबसे अधिक दान 1.1 बिलियन यानी 8066.94 करोड़ रुपये दिया है। जो कि क्रिप्टोकरेंसी SHIB के 50 ट्रिलियन टोकन के रूप में हैं। क्रिप्टो क्वॉइन मार्केट कैप डेटा के अनुसार SHIB दुनिया की 25वीं सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है। जिसका मार्केट वैल्यू 7.9 बिलियन डॉलर का है।
10 मई को आई वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस समय लगभग 1000 ट्रिलियन Shiba Inu (SHIB) क्रिप्टो क्वॉइन सप्लाई में है।
जिससे यह तो साफ हो जाता है कि विटालिक बुटेरिन की Shiba inu (SHIB) क्रिप्टोकरेंसी भी काफी अच्छा परफॉर्म कर रही हैं। जिसे एक साल पहले ही लॉन्च किया गया था। इसे “Dogecoin killer” के नाम से भी जाना जाने लगा है।
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