1932 विरोधी मंच ने किया मुख्यमंत्री का पुतला दहन।

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जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

1932 विरोधी मंच के द्वारा गोलमुरी गोलचक्कर में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया गया। सरकार के बने 4 वर्ष पूरा हो गया है पर झारखंड सरकार चुनाव से पहले राज्य का विकास, युवा को हर साल 5 लाख नौकरी देने की बात पर सत्ता में आई पर सत्ता में आते ही झारखंड को तोड़ने की प्रयास लगातार करते आ रही है। 1932 लागू करना झारखंड के जल जंगल ज़मीन के लिए लड़ने वाले आदिवासी समाज को एक जुमला के तौर पर परोसते रहते है और वोट की राजनीति कर रहे है। झारखंड कि जनता उनको विकास के लिए चुनी थी पर वो सिर्फ़ ठगने का काम कर रहे है इसलिए 1932 विरोधी मंच ज़ोरदार विरोध करती है। 

समिति के संस्थापक सागर तिवारी ने कहा कि झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है, उसका कारण यहा के नेता है जो विकास करने के बजाय बाहरी- भीतरी का राजनीति को महत्व दे रहे है जिसके कारण लोगो के मन में आक्रोश है। 

झारखंड का जन्म ही 2000 में हुआ तो उसका जन्मप्रमाण पत्र 1932 कैसे हो सकता है ऐसे मुद्दे झारखंड को 23 साल पीछे लेकर जा रही है पर फिर भी सरकार उसी में उलझा कर पूरे झारखंड को रखी है। मुख्यमंत्री जी को हम युवा राय दे रहे है उलझाने के बजाय बहाली निकाले तो राज्य की जनता वोट देगी वरना ऐसे जुमले राजनीति का अंत करवा देगी। पुतला दहन में सागर तिवारी, धर्मबीर महतो, अनूप सिंह, राकेश चौरसिया, नीतीश पांडेय, अविनाश, राहुल पांडेय, रामेश्वर, विकास, सूरज, संजय, अजय, रवि शर्मा, जयप्रकाश, अशोक, बिपिन, वेंकेट, प्रदीप, विशाल आदि उपस्थित थे।

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