New Delhi : बृहस्पतिवार 9 सितंबर, 2021
13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का अध्यक्ष भारत है। ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहें है। आज उन्होंने 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की वर्चुअल अध्यक्षता करते हुए ब्रिक्स के सभी देशों के प्रमुख सदस्यों का अभिवादन करते हुए सम्मेलन आरम्भ किया। आइये इस सम्मेलन में हम भी डिजिटली हिस्सा ले और भारतीय प्रधानमंत्री का भव्य भाषण को जानने का अनुभव प्राप्त करें।
आज के इस सम्मेलन में सबसे पहले उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति पुतिन, राष्ट्रपति शी, राष्ट्रपति रामफोसा तथा राष्ट्रपति बोल्सोनारो को सम्बोधित करते हुए कहा-
नमस्कार,
“मैं इस ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आप सभी का स्वागत करता हूं। ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करना मेरे लिए और भारत के लिए बहुत खुशी की बात है। हमारे पास आपके साथ आज की शिखर बैठक की विस्तृत कार्यसूची है। यदि आप सभी सहमत हैं तो हम इस एजेंडे को अपना सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा – “इस अध्यक्षता के दौरान भारत को सभी ब्रिक्स भागीदारों और सभी से पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है और इसके लिए मैं आप सभी का तहे दिल से आभारी हूं। पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स मंच ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आज हम दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावशाली आवाज हैं। यह मंच विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर भी ध्यान केंद्रित करने के लिए भी उपयोगी रहा है।”
उन्होंने ब्रिक्स देशों की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि – “ब्रिक्स ने न्यू डेवलपमेंट बैंक, आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था और ऊर्जा अनुसंधान सहयोग मंच जैसे मजबूत संस्थान बनाए हैं। ये सभी बहुत मजबूत संस्थान हैं। इसमें कोई शक नहीं कि बहुत कुछ है जिस पर हम गर्व कर सकते हैं। हालाँकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि हम बहुत अधिक आत्म-संतुष्ट न हों और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अगले 15 वर्षों में ब्रिक्स और भी अधिक परिणामोन्मुखी हो।”
कोरोना काल के बारे में उन्होंने कहा – “इस वर्ष, COVID द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, 150 से अधिक ब्रिक्स बैठकें और कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें से 20 से अधिक मंत्री स्तर पर थे। पारंपरिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ हमने ब्रिक्स एजेंडा को और विस्तारित करने का भी प्रयास किया है। इस संदर्भ में ब्रिक्स ने कई ‘उपलब्धियां’ हासिल कि हैं। कई चीजें ऐसी थीं जो पहली बार की गई थीं। अभी हाल ही में पहली बार ब्रिक्स डिजिटल शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। प्रौद्योगिकी की मदद से स्वास्थ्य पहुंच बढ़ाने की दिशा में यह एक अभिनव कदम है। नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स प्रारूप के तहत पहली बार बैठक करेंगे। यह भी पहली बार है कि ब्रिक्स ने ‘बहुपक्षीय प्रणालियों को मजबूत करने और सुधारने’ पर एक सामूहिक रुख अपनाया है।”
ब्रिक्स की उपलब्धियों को बताते हुए उन्हीने आगे कहा – “हमने ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान को भी अपनाया है। हमारी अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट नक्षत्र पर समझौते के साथ सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। हमारे सीमा शुल्क विभागों के सहयोग से, इंट्रा-ब्रिक्स व्यापार आसान हो जाएगा।”
आज के वर्चुअल ब्रिक्स सम्मेलन में टीकाकरण, अनुसंधान और विकास केंद्र शुरू करने के संबंध में भी सहमति बनी है। वहीं हरित पर्यटन को लेकर भी ब्रिक्स गठबंधन एक मत हुआ और इसकी नई पहल करने को तैयार है।
अपने अगले वक्तव्य में उन्होंने ‘महामहिम’ के सम्बोधन के साथ अपनी अगली बात रखी।
उन्होंने कहा – “इन सभी नई पहलों से न केवल हमारे नागरिकों को लाभ होगा बल्कि आने वाले वर्षों में ब्रिक्स को एक संस्था के रूप में प्रासंगिक बने रहने में भी मदद मिलेगी। मुझे विश्वास है कि आज की बैठक हमें ब्रिक्स को और अधिक उपयोगी बनाने के लिए सही दिशा में मार्गदर्शन करेगी। हम महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मामलों पर भी चर्चा करेंगे। “
इतना कहकर उन्होंने अपनी वाणी को विराम दिया। और इस सम्मेलन में दिए अपने भाषण के प्रति उपस्थित माननीयों से टिप्पणी कहने के लिए आमंत्रित किया।
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