झारखंड
📰 एमजीएम अस्पताल हादसे के बाद प्रधान जिला जज ने किया निरीक्षण, मृतकों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा

📍 जमशेदपुर, 5 मई 2025 : झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद के निर्देश पर सोमवार को सिविल कोर्ट जमशेदपुर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अरविंद कुमार पांडेय ने एमजीएम अस्पताल का दौरा कर हादसे की स्थिति का जायजा लिया।
🏥 हादसे की पृष्ठभूमि:
गौरतलब है कि शनिवार, 3 मई को एमजीएम अस्पताल की एक जर्जर इमारत का हिस्सा गिर गया था, जिसमें तीन लोगों की मृत्यु और कई घायल हो गए थे। इस घटना से शहर में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
👨⚖️ न्यायाधीश ने की विस्तृत जांच
निरीक्षण के दौरान प्रधान जिला जज के साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) जमशेदपुर के सचिव धर्मेन्द्र कुमार, जज इंचार्ज सिद्धांत तिग्गा, सहायक रवि मुर्मू, पीएलवी नागेन्द्र कुमार और संजीत दास भी उपस्थित रहे।
जज श्री पांडेय ने घटनास्थल का गहन अवलोकन किया और अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. रमेश कुमार मंधान तथा वाईस सुपरिटेंडेंट डॉ. नकुल चौधरी से घटना से संबंधित विस्तृत चर्चा की।
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🧾 मृतकों को मिलेगा मुआवजा और सहायता
प्रधान जिला जज ने कहा कि हादसे में मृतकों और घायलों के परिवारों को चिन्हित कर मुआवजा और अन्य कानूनी लाभ दिलाने में डालसा पूरी मदद करेगा। उन्होंने आम नागरिकों से भी किसी भी कानूनी सहायता के लिए डालसा से संपर्क करने की अपील की।
⚠️ जर्जर इमारतों पर जताई चिंता
निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश ने अस्पताल के अन्य जर्जर भवनों का भी निरीक्षण किया और गंभीर चिंता जाहिर करते हुए अस्पताल प्रशासन को सजग रहने की सलाह दी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
🩺 घायलों से मिलकर जाना हाल
प्रधान जिला जज ने हादसे में घायल सुनील कुमार से अस्पताल में मिलकर उनका हालचाल लिया। इसके अलावा एक अन्य वृद्ध महिला रेणुका देवी, जो वर्तमान में टीएमएच में भर्ती हैं, उनसे भी मिलकर वास्तविक स्थिति की जानकारी ली।
⚰️ मृतकों की पहचान और शव सौंपने की प्रक्रिया
एमजीएम प्रबंधन के अनुसार, इस हादसे में तीन लोगों की मृत्यु हुई है। डालसा के पीएलवी नागेन्द्र कुमार की मदद से सभी मृतकों के परिजनों की पहचान कर ली गई है।
मृतकों में श्रीचंद तांती, जो सरायकेला के रहने वाले थे, उनके शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया।
📣 निष्कर्ष:
एमजीएम अस्पताल में हुई यह दुखद घटना राज्य के सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा और संरचना पर एक गंभीर सवालिया निशान है।
प्रधान जिला जज के इस पहल से उम्मीद है कि प्रभावित परिवारों को न्याय और सहायता दोनों मिलेंगे, और प्रशासन भविष्य की संभावित त्रासदियों से सबक लेगा।