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झारखंड

🎓 Tata Steel Foundation ने बदली युवाओं की तक़दीर — 100% प्लेसमेंट और वैश्विक अवसरों के साथ नया आयाम

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🎓 Tata Steel Foundation changes the fate of youth – a new dimension with 100% placement and global opportunities

🌍 ग्रामीण युवाओं को कौशल के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने वाली एक मिसाल

📍 जमशेदपुर, झारखंड | 12 मई 2025

Tata Steel Foundation ने एक बार फिर अपने आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों) के माध्यम से कौशल विकास की दिशा में उल्लेखनीय सफलता हासिल करते हुए 70 ग्रामीण युवाओं को अप्रैल 2025 में प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट दिलवाया। यह सफलता भारत सरकार के “स्किल इंडिया मिशन” के अनुरूप समावेशी विकास और युवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में फाउंडेशन के निरंतर प्रयासों का परिणाम है।

📊 संख्या में सफलता: आंकड़ों में टाटा स्टील फाउंडेशन की उपलब्धि

वित्तीय वर्ष प्लेसमेंट की संख्या
2024–25 213
2025–26 (अप्रैल तक) 70
कुल प्लेसमेंट (अब तक) 1431
विदेशी प्लेसमेंट 38

🏫 आईटीआई तामाड़: बदलाव की नींव, जो बनी मिशन की मिसाल

टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा समर्थित पहला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आईटीआई तामाड़ की स्थापना 2012 में की गई थी — यह “स्किल इंडिया मिशन” के प्रारंभ से भी तीन वर्ष पहले की पहल थी।

वर्तमान में, फाउंडेशन चार आईटीआई संस्थानों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चला रहा है — तीन झारखंड में और एक ओडिशा में।

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💬 कैप्टन अमिताभ (हेड – स्किल डेवलपमेंट, टाटा स्टील फाउंडेशन) का बयान

“हमने आईटीआई को सिर्फ प्रशिक्षण केंद्र नहीं, बल्कि प्रेरणा का केंद्र बना दिया है। पहले जहां नामांकन की चुनौती थी, आज प्रवेश के लिए स्क्रीनिंग करनी पड़ती है। हमारा 100% प्लेसमेंट रिकॉर्ड इस परिवर्तन का प्रमाण है — और अंतरराष्ट्रीय अवसर इसे वैश्विक बना रहे हैं।”

🌟 “मस्ती की पाठशाला” से निकले छात्रों ने पाई ऊंची उड़ान

  • 8 छात्र, जिन्होंने मस्ती की पाठशाला के जरिए शिक्षा पाई, ने आईटीआई तामाड़ से डिप्लोमा पूरा कर टाटा मार्कोपोलो में प्लेसमेंट प्राप्त किया।
  • प्रारंभिक पैकेज:3.2 लाख प्रति वर्ष
  • इनमें से अधिकांश छात्र अपने परिवार के पहले औपचारिक नौकरीधारी हैं।

मस्ती की पाठशाला एक अभिनव पहल है जो बाल श्रम से मुक्त कर बच्चों को शिक्षा से जोड़ती है, और अब उनके लिए रोजगार के अवसर भी खोल रही है।

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✈️ अंतरराष्ट्रीय अवसर: दुबई और हांगकांग तक पहुंची प्रतिभा

आईटीआई से प्रशिक्षित कुछ छात्रों को दुबई और हांगकांग जैसे वैश्विक केंद्रों में प्लेसमेंट मिला है, जहां उन्हें 1.5 लाख रुपये प्रति माह तक का वेतन मिल रहा है — यह इस बात का प्रमाण है कि यह प्रशिक्षण वैश्विक मानकों पर खरा उतरता है।

🛠️ प्रशिक्षण की विविधता: हर युवा के लिए कुछ विशेष

टाटा स्टील फाउंडेशन समर्थित आईटीआई में निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है:

  • मैन्युफैक्चरिंग
  • कैपिटल गुड्स
  • ऑटोमोबाइल
  • इलेक्ट्रिकल वर्क
  • मैकेनिकल रिपेयर
  • बिजनेस डेवलेपमेंट

🤝 संभावनाओं से सफलता तक: एक सतत यात्रा

झारखंड और ओडिशा के दूरदराज के क्षेत्रों से आए युवा, जिनके लिए कभी रोजगार एक सपना था, अब प्रशिक्षण, आत्मविश्वास और अवसर के सहारे एक सशक्त भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।

📌 निष्कर्ष

टाटा स्टील फाउंडेशन न केवल कौशल विकास का एक स्तंभ बन चुका है, बल्कि यह एक आशा की किरण बनकर उभरा है, जो भारत के ग्रामीण युवाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर और वैश्विक नागरिक बनाने की दिशा में अग्रसर है।

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