क्राइम
⚖️ नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कठोर सजा, ₹25,000 का जुर्माना

📍 स्थान: चाईबासा | 🗓️ फैसला: 28 अप्रैल 2025 | ✍️ रिपोर्टर: जय कुमार
शादी का झांसा देकर नाबालिग से किया था दुष्कर्म, अदालत ने सुनाया सख्त फैसला
मुख्य बिंदु:
- आरोपी गंगाराम सामड़ को 20 साल का कठोर कारावास
- ₹25,000 का जुर्माना भी लगाया गया
- मामला सोनुआ थाना कांड संख्या 26/2022 से जुड़ा
- POCSO एक्ट और धारा 376(iii) के तहत हुआ था मुकदमा दर्ज
- वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अदालत में आरोप सिद्ध
📚 घटना का संक्षिप्त विवरण:
पश्चिम सिंहभूम जिले के सोनुआ थाना क्षेत्र में वर्ष 2022 में एक नाबालिग बच्ची के साथ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया था। इस मामले में गंगाराम सामड़ नामक आरोपी के खिलाफ भादंवि की धारा 376(iii) और POCSO एक्ट की धारा 04/06 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
चाईबासा पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को त्वरित रूप से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा और वैज्ञानिक पद्धति से साक्ष्य जुटाकर अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया।
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न्यायिक प्रक्रिया और फैसला:
POCSO केस संख्या 38/2022 की सुनवाई के बाद, माननीय अपर सत्र न्यायाधीश-द्वितीय, पश्चिम सिंहभूम, चाईबासा ने 28 अप्रैल 2025 को फैसला सुनाते हुए गंगाराम सामड़ को दोषी ठहराया। अदालत ने उसे 20 वर्षों के कठोर कारावास और ₹25,000 रुपये के आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई।
विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण:
यह फैसला ऐसे मामलों में एक महत्वपूर्ण नजीर के रूप में देखा जा रहा है। न्यायालय का यह सख्त रवैया नाबालिगों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों पर कड़ा संदेश देता है। साथ ही यह पुलिस की सक्रियता और वैज्ञानिक जांच की सटीकता को भी दर्शाता है।
निष्कर्ष:
न्यायालय द्वारा दोषी को दी गई यह सख्त सजा न्यायिक प्रक्रिया में भरोसे को मजबूत करती है और समाज में यह संदेश देती है कि नाबालिगों के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। चाईबासा पुलिस की इस तत्परता और न्यायपालिका की दृढ़ता को सराहना मिल रही है।