स्वप्नदोष और कब्ज की शिकायत दूर करे – बद्ध पद्मासन।

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बद्ध पद्मासन

बद्ध पद्मासन : यह एक सरल आसन है जिसे बैठकर किया जाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पद्मासन लगा कर बैठ जाएं। ततपश्चात अपने दोनों  हाथों को कमर के पीछे ले जाए और उन्हें क्रॉस करते हुए पद्मासन लगाए दोनों पैरों के अंगूठे को पकड़े। दाएं हाथ से दाएं पैर और बाएं हाथ से बाएं पैर का अंगूठा पकड़ना है। पीठ और गर्दन बिल्कुल सीधा रहना चाहिए जैसे पद्मासन के समय रहता है। इस आसन के समय मूलबंध लगे रहने से अधिक लाभ प्राप्त होता है। 

आरम्भ में इस आसन को पूर्ण रूप से करने में कठिनाई उत्पन्न हो सकती है किंतु सतत अभ्यास के द्वारा इसे आसानी से किया जा सकेगा। इस आसन को सभी उम्र के लोग कर सकते हैं। शरीर में लोच होने के कारण बच्चें आसानी से इसे कर पाते हैं वहीं बड़ों को थोड़ी मुश्किल होती है।  लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास के बाद इसे करना आसान हो जाता है।

लाभ – इस आसन से हाथ-पैर लचीला और मजबूत बनता हैं। साथ ही हाथ-पैर की मांसपेशियां तथा स्नायु तंत्र दृढ़ बनते हैं। कमर और रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है। इस आसन के निरंतर अभ्यास से आलस्य दूर होता है। वहीं स्वप्नदोष और कब्ज की शिकायत जिन्हें होती हैं उनको लाभ मिलता है। गला  संबंधित रोग दूर होता है। साथ ही थायराइड ग्रंथि सुचारू रूप से कार्य करती है।

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