जमशेदपुर | झारखण्ड
मानगो 15 नंबर रोड स्थित जे के एस सोसाइटी निवासी हवलदार महंथ सिंह जो देश की रक्षा में हुई लड़ाई 1962, 1965 और 1971 युद्ध में अहम भागीदारी निभाए थे। उनके दोनों फौजी बेटों के शहर पहुंचने के बाद पार्थिव शरीर अस्पताल से घर लाया गया और हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार की तैयारी हुई।
पूर्व सैनिकों ने तिरंगा ध्वज ओढ़ाया। उनके पार्थिव शरीर का काफिला झारखंड पुलिस के पी सी आर की अगवाई में भारत माता की जय एवं भारतीय सेना जिंदाबाद के नारों के साथ भुइयांडीह स्वर्णरेखा घाट पहुंचा। राज्य सैनिक निदेशालय, रांची के निदेशक ब्रिगेडियर निरंजन कुमार एवं जिला सैनिक कल्याण बोर्ड चाईबासा के कल्याण पदाधिकारी कर्नल किशोर सिंह के प्रतिनिधि के रूप में तीनों सेना से सेवानिवृत जांबाज़ सैनिकों की टुकड़ी ने रिथ चढ़ाकर सलामी दी। उसके उपरांत स्थानीय आर्मी यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर के प्रतिनिधि जवानों ने रिथ चढ़ाकर सलामी दी।बड़े बेटे सूबेदार दिलीप सिंह ने मुखाग्नि दी। ज्ञात हो कि महंथ सिंह की तीसरी पीढ़ी सेना में कार्यरत है और चौथी पीढ़ी सैनिक स्कूल में शिक्षा ले रही है।
आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में सुशील कुमार सिंह, अमित कुमार, राजीव रंजन, कुंदन सिंह, रमेश प्रसाद शर्मा, शत्रुघ्न प्रसाद, उपेंद्र प्रसाद सिंह, विद्यानंद गिरी, विजय कुमार त्रिपाठी, दीपक मलिक, नौशाद आलम, संजय सिंह, सतनाम सिंह आदि शामिल हुए।