जमशेदपुर: सिंहभूम चैंबर द्वारा आयकर अधिनियम सेक्शन-43बी(एच) पर एक परिचर्चा का आयोजन चैंबर भवन में किया गया। इस परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में कोलकाता से आए अनुभवी चार्टर्ड एकाउंटेंट सीए शिवांक छापरिया ने उपस्थित व्यवसायी एवं उद्यमियों को इस सेक्शन के महत्व और लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
मुख्य बिंदु:
- सीए शिवांक छापरिया: उन्होंने बताया कि आयकर अधिनियम सेक्शन-43बी(एच) को एमएसएमई (माईक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) उद्यमों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है।इस सेक्शन के तहत, एमएसएमई उद्यमों को बकाया भुगतान पर ब्याज प्राप्त करने का अधिकार मिलता है।
- लाभ: इस सेक्शन के तहत, एमएसएमई उद्यम 18% प्रति वर्ष की दर से ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।यह ब्याज बकाया भुगतान की तारीख से अगले वित्तीय वर्ष के 31 मार्च तक देय होगा।
- पात्रता: इस सेक्शन का लाभ उठाने के लिए, एमएसएमई उद्यमों को उद्यम निबंधन प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।उन्हें अपने सभी प्रपत्रों/इनवाॅयस में अपना उद्यम नंबर अवश्य देना चाहिए।
- बिल भुगतान: उद्यमियों को अपने बिल/इनवाॅयस में टर्म एंड कंडीशन में बिल भुगतान की अवधि का जिक्र अवश्य करना चाहिए।
परिचर्चा के दौरान, उपस्थित सदस्यों ने सीए शिवांक छापरिया से इस सेक्शन से संबंधित विभिन्न प्रश्नों को पूछा। उन्होंने सभी प्रश्नों का उत्तर विस्तार से दिया।
आयोजक:
इस परिचर्चा का आयोजन सिंहभूम चैंबर द्वारा किया गया था। इसमें महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष पुनीत कांवटिया, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, भरत मकानी, अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया, कोषाध्यक्ष अनिल रिंगसिया के अलावा पवन नरेडी, विकास गढ़वाल, काफी संख्या में चार्टर्ड एकाउंटेंट, अधिवक्तागण एवं व्यवसायी उद्यमी उपस्थित थे।
निष्कर्ष:
यह परिचर्चा एमएसएमई उद्यमों के लिए बहुत उपयोगी थी। इससे उन्हें आयकर अधिनियम सेक्शन-43बी(एच) के बारे में जानकारी प्राप्त हुई और वे इस सेक्शन का लाभ उठा सकेंगे।