जमशेदपुर । झारखण्ड
आज दिनांक 20 फरवरी 2024 को मुसाबनी में सामुदायिक चिकित्सा केद्र की पुनर्स्थापना को लेकर साहित्य संस्कृति संघ, मुसाबनी की एक प्रतिनिधि टीम ने जिला पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल से मिलकर इस सम्बंध में बात करते हुए ज्ञापन सौंपा।
मिलने का खास मुद्दा मुसाबनी में सामुदायिक चिकित्सा केद्र की पुनर्स्थापना को लेकर था।
पत्र में मुख्य रूप से लिखा गया कि दिनांक 10 फरवरी 2024 को मुसाबनी प्रखंड के जनप्रिय उप-प्रमुख श्रीमती काकोली घोष का दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत अनिवार्य चिकित्सा उपलब्ध न होने के कारण आकस्मिक निधन हो गया।
यह संवाद फैलने के साथ सारा मुसाबनी जिस प्रकार उमड़ पड़ा वह दृश्य कभी देखा नहीं गया। उनकी अंतिम यात्रा मुक्तिधाम का दृश्य यही कहता है की मुसाबनी में अविलंब सामुदायिक चिकित्सा केद्र खोला जाए। यदि एक जनप्रिय जनप्रतिनिधि की दशा इस प्रकार हो तो आम जनता किस स्थिति में जी रही हैं यह कहने की बात नहीं है।
आज जहाँ हमारा देश चाँद पर विचरण कर रहा है, आर्थिक स्तर पर विश्व में तीसरा दर्जा हासिल करने जा रहा है वहीं मुसाबनी बिना चिकित्सा के हर दिन हर क्षण जीवन खोने के आतंक में है यहां ना रोजगार और ना ही जीने लायक चिकित्सा व्यवस्था है। हम इससे उब चुके हैं और सहन करना कतई संभव नहीं है।
अतः आपसे (उपायुक्त महोदय जमशेदपुर) विनम्र निवेदन है कि यथाशीघ्र मुसाबनी क्षेत्र में एक सामुदायिक चिकित्सा केद्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाय। जहां कम से कम जरूरी व्यवस्थाये, ऑक्सीजन एवं अन्य जीवन रक्षक तात्कालिक सुविधा की व्यवस्था रहे ताकि मरीज को जमशेदपुर जिला अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाया जा सके। अन्यथा हमें आंदोलन के पथ को चुनना होगा हम सब आपके प्रति यही उम्मीद करेगे कि आपका आश्वासन धरातल में दिखे।
ज्ञापन सौंपने में मुख्य रूप से साहित्य संस्कृति संघ के अध्यक्ष श्री एम एम पात्र, सचिव श्री वीरेन्द्र नाथ घोष, गोपाल लाल, सनातन दास, परेश मन्ना, झुरो भाई, भोला बारीक, वरिष्ठ नागरिक परिषद के निर्मल दास, अनिल चोग्धर तथा मुसाबनी के अन्य निवासी उपस्थित हुए।