जमशेदपुर | झारखण्ड
लौहनगरी जमशेदपुर की साहित्यिक संस्था “उर्दू भवन” (साझी संस्कृति साझा साहित्य) का पहला कार्यक्रम शालीमार बैंक्विट, पारडीह में आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज ने की तथा महान साहित्यकार जयनंदन तथा मुंबई से आए हुए अख्तर काजमी मुख्य अतिथि के रूप में एवं महिला विश्वविद्यालय जमशेदपुर की डीएसडब्ल्यू दो किश्वर आरा सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल हुईं। कार्यक्रम के दो भाग थे, पहले भाग में शहर के साहित्यकार मंजर कलीम को याद किया गया तथा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मंजर कलीम के व्यक्तित्व तथा साहित्यिक सेवाओं पर डॉ नेहा तिवारी, डॉ अख्तर आजाद कहानीकार नियाज अख्तर तथा तनवीर अख्तर रूमानी ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के दूसरे भाग में मुशायरा आयोजित हुआ जिसमें शहर के जाने-माने शायर अहमद बद्र, अनवर अदीब, गौहर अजीज मुश्ताक राज, रिजवान औरंगाबादी, सद्दाम गनी, संजय सोलोमन, सफीउल्लाह सफी, शोएब अख्तर तथा सरफराज शाद ने अपनी गजलें प्रस्तुत कीं।
यह कार्यक्रम 8 साल के एक बच्चे मिसाल अहमद द्वारा तिलावत कुरान ए पाक से प्रारंभ हुआ। उर्दू भवन के अध्यक्ष तथा कार्यक्रम के कन्वीनर डॉ हसन इमाम मलिक तथा जनरल सेक्रेटरी गौहर अजीज ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ मलिक ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि हम चाहते हैं कि शहर में एक साझी संस्कृति और साझा साहित्य का माहौल बना रहे क्योंकि यह सत्य है कि साहित्य ही समाज में मानवता, भाईचारगी और प्रेम का संदेश देता है। उनके अलावा मुख्य अतिथि जयनंदन जी एवं अख्तर काजमी तथा डॉ किश्वर आरा ने भी सभा को संबोधित किया।
डॉ मोहम्मद रेयाज ने अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ मलिक को बधाइयां दीं, मंजर कलीम को याद किया और अपने शहर के शेयरों को दुआओं से नवाजा। अंत में गौहर अजीज ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सभा का संचालन डॉ यहिया इब्राहिम ने बड़ी सुंदरता से किया। सभा में शहर के बुद्धिजीवी एवं साहित्य प्रेमी बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम के आयोजन में सबसे बड़ा योगदान डॉ जफर साहब तथा सैयद साजिद परवेज का रहा इन दोनों सहयोगियों को संस्था की तरफ से सम्मानित किया गया।