सवाल बस एक छोटा सा है। क्या नियम केवल आम और गरीब लोगों के लिए ही है। नियमों की धज्जियां उड़ाते स्वयं मुख्यमंत्री और सांसद।

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Jamshedpur : शुक्रवार 15 अक्टूबर, 2021

हमारे समाज में रोटी फ्री में भले न मिले लेकिन सुझाव फ्री में जरूर मिल जाएगा। और सुझाव भी ऐसा की लोग खुद उसका पालन न करते हो लेकिन दूसरों से उसका पालन करवाने के लिए कठोर हो जाते हैं।

कोरोना काल में मास्क और सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करना अनिवार्य है। यह सरकार के गाइडलाइन में भी प्रमुखतः से बताया गया है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें सक्रिय हैं। लेकिन दुर्गापूजा के शुभ अवसर पर कोरोना गाइडलाइन को ठेंगा दिखाते हुए केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि दिख जाए तो आश्चर्य होता है। सबसे अधिक आश्चर्य तो तब होता है जब वे खुद नियम बनाते हैं और उस नियम का स्वयं पालन नहीं करते हैं। ऐसे में वे आम नागरिकों से यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि नागरिक उनके बनाये नियम को माने जो वे खुद नहीं मानना चाहते।  

कुछ ऐसा ही एक हादसा पुर्वी सिंहभूम के सांसद विद्युत वरण महतो के साथ हुआ। इस हादसे को उन्होंने ट्विटर पर साझा भी किया है। 

हुआ यूं कि दूसरों के लिए नियम बनाने वाले झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन जी ने स्वयं उस नियम की धज्जियां उड़ा दी। इस सम्बंध में सांसद विद्युत वरण महतो ने लिखा है – दूर्गा पूजा में कोविड 19 के गाइडलाइन का अक्षरशः पालन करते हुए मुख्यमंत्री…

1.बिना मास्क का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा ।

2. 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा।

जो कानून खुद को अच्छा नहीं लग रहा, इसीलिए मान नहीं रहे। चाहते हैं जनता माने!

सांसद विद्युत वरण महतो जी का यह कथन वाकई काबिले तारीफ है कि उन्होंने मुख्यमंत्री जी को आइना दिखाया। मुख्यमंत्री जी को आम जनता की ओर से एक बात कहना चाहूंगा कि सर नियम वैसे ही बनाये जाएं जिसका पालन स्वयं सरकार और उसके प्रतिनिधि कर सकें। जब स्वयं हम उस बात को पसंद नहीं करते तो दूसरों से उस बात को करने की अपेक्षा क्यों?

दूर्गा पूजा में कोविड 19 के गाइडलाइन का अक्षरशः पालन करते हुए मुख्यमंत्री…

1.बिना मास्क का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा ।
2. 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा।

जो कानून खुद को अच्छा नहीं लग रहा,इसीलिए मान नहीं रहे।चाहते हैं जनता माने!#Jharkhand pic.twitter.com/UO6LBihVht

— Bidyut Baran Mahato (@mpbidyutmahato) October 14, 2021

लेकिन यह सुझाव देते हुए दुर्भाग्यवश सांसद विद्युत वरण महतो जी ने भी स्वयं इस नियम का पालन नहीं किया। लालडीह दुर्गा पूजा मंडप, घाटशिला स्थित अशोक कुंज कशीदा समेत विभिन्न पूजा पंडालों के भ्रमण के दौरान उन्होंने कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी की है।

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इसकी जानकारी उनके नए ट्विटर से प्राप्त होती है जिसे उन्होंने महानवमी को साझा किया। वे स्वयं यह भूल गए जो बातें उन्होंने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी के लिए कही थी। 

साझा करते हुए उन्होंने लिखा है कि- “आज महानवमी के पावन अवसर पर लालडीह दुर्गा मंडप, घाटशिला स्थित अशोक कुंज कशीदा समेत विभिन्न पूजा पंडालों का भ्रमण कर आदिशक्ति मां दुर्गा का दर्शन किया।

आदिशक्ति मां दुर्गा सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और वैभव लाये, यही मंगल कामना की।”

आज #महानवमी के पावन अवसर पर लालडीह दुर्गा मंडप, घाटशिला स्थित अशोक कुंज कशीदा समेत विभिन्न पूजा पंडालों का भ्रमण कर आदिशक्ति मां दुर्गा का दर्शन किया।

आदिशक्ति मां दुर्गा सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और वैभव लाये, यही मंगल कामना की। #जय_माता_दी pic.twitter.com/eNJRFNNLJH

— Bidyut Baran Mahato (@mpbidyutmahato) October 14, 2021

एक तरफ तो मुख्यमंत्री जी ने नियम बना कर स्वयं उसका पालन नहीं किया, जिसे सांसद महोदय ने उन्हें आईना दिखाया। लेकिन सांसद महोदय भी इस बात को भूल गए और गाइडलाइन को साइड रख दिया। 

सवाल बस एक छोटा सा है। क्या नियम केवल आम और गरीब लोगों के लिए ही है? लेकिन सच्चाई कुछ अलग नहीं है यह बातें हर आम नागरिक जानता है जो राज्य के विकास में अपना खून और पसीना बहा देता है। और अंत में उसे मिलता क्या है केवल मुफ्त में नियम जो न मानने पर कठोर दंड दिया जाता है।

इमेज सोर्स : ट्विटर

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