सरिया | झारखण्ड
आज की कहानी सरिया रेलवे फाटक जाम, पार्ट – 2 पर आधारित है।
झारखंड के भूतपूर्व, भूतत्व एवं खान मंत्रालय (बिहार से अलग झारखंड बनने के बाद) के पहले मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले डॉक्टर रविंद्र कुमार राय का आवास सरिया रेलवे फाटक से मात्र पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित है। और झारखंड के पहले मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल मरांडी अपने पैतृक आवाज भी इसी रास्ते से होकर जाते है। वहीँ संपूर्ण सरिया का एक मात्र सरकारी अस्पताल भी रेलवे फाटक से मात्र एक सौ मीटर की दूरी पर है। आगे बताते चलूं की सरिया के चुनिंदा स्कूल भी अब इसी रास्ते पर मौजूद है। ऐसे तो सरिया में आपको कुकुरमुत्ते की तरह फर्जी नेता देखने को मिल जाएंगे, लेकिन जब बात आती है सरिया के विकास की तो सभी नेताओं की बोलती बंद होती है।
इस शहर के विकास की सबसे बड़ी बाधा यहां बीच बाजार मुख्य मार्ग पर बने रेलवे क्रासिंग की है, जिसपर आज तक किसी भी बड़े, अधिकारी, पदाधिकारी, समाजसेवी नेतागण का ध्यान इस विषय पर नहीं जाता। जबकि, आए दिन इस रेलवे क्रासिंग पर बड़े – बड़े हादसे होते रहते हैं।
भारत आजादी का 75 वां वर्षगांठ मना रहा है लेकिन आज तक भारत के गांव और शहर की मुलभुत जरूरतों की अनदेखी करते हुए सभी नेता मजे कर रहे हैं हैं। वहीँ अबतक झारखण्ड में बनने वाली सरकारें जाम के विषय पर फेल रही है। जिसकी सरकार उसके लोग जाम के कारणों में सबसे आगे रहते हैं।
आश्चर्य है आजादी के इतने वर्षों बाद भी यहाँ की यह दशा नहीं बदली। इस जगह पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण ना होना, यहां के जनप्रतिनिधि को मुंह चिढ़ा रहा है। पता नही हमारी सरकार कब नींद से जागेगी। हालाँकि यह नजारा यहां के लिए आम बात है, शरीर जला देने वाली इस भीषण गर्मी में, आपको ऐसा नजारा दिन में अनगिनत बार देखने को मिल जाएगा। …. आइये कभी चिलचिलाती धुप में सरिया के इस जाम का मजा लेने।