झारखंड
सरयू को राज्यपाल का आश्वासन, औद्योगिक नगर समिति पर उठाए जाएंगे जरूरी कदम

- इसी साल खत्म हो रहा टाटा लीज समझौता, नागरिक सुविधाओं को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं
📍 रांची/जमशेदपुर से विशेष रिपोर्ट:
जमशेदपुर पश्चिमी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मंगलवार को झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से भेंट कर जमशेदपुर औद्योगिक नगर समिति को लेकर गंभीर मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान उन्होंने औद्योगिक नगर समिति की अधिसूचना, टाटा लीज समझौता और स्थानीय नागरिकों के अधिकारों से जुड़े कई सवाल खड़े किए।
🗣️ राजभवन को याद दिलाया गया पुराना स्मार-पत्र
सरयू राय ने राज्यपाल को अवगत कराया कि उन्होंने दिसंबर 2023 में तत्कालीन राज्यपाल को इस विषय पर स्मार-पत्र सौंपा था। इस पर कार्रवाई के लिए राजभवन ने मुख्य सचिव को निर्देश भी दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस रिपोर्ट नहीं दी गई है।
राज्यपाल के प्रधान सचिव ने बताया कि इस मामले में मुख्य सचिव स्तर से कोई जानकारी नहीं दी गई है, जिससे राज्यपाल ने नाराजगी जताई।
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⚠️ औद्योगिक समिति में जनता की नहीं हो रही भागीदारी
श्री राय ने स्पष्ट किया कि औद्योगिक नगर समिति का गठन जनहित और स्थानीय स्वशासन की भावना के विरुद्ध किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें जनता के निर्वाचित या नामित प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया है, जबकि नगरपालिका व्यवस्था का मूल उद्देश्य ही स्थानीय जनता की भागीदारी है।
🧾 टाटा स्टील की भूमिका पर सवाल
सरयू राय ने इस समिति में टाटा स्टील के आधे से अधिक प्रतिनिधित्व को अनुचित बताते हुए कहा कि इससे यह समिति एकपक्षीय और जनविरोधी हो जाती है। उन्होंने 74वें संविधान संशोधन का हवाला देते हुए कहा कि देश के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी इस तरह की समितियों में सामाजिक संगठनों और उपभोक्ता प्रतिनिधियों को भी जगह दी गई है, जबकि जमशेदपुर में केवल सरकार और कंपनी के हितधारकों को शामिल किया गया है।
🏗️ टाटा लीज समझौता समाप्त होने पर अनिश्चितता
राय ने राज्यपाल को बताया कि इस वर्ष टाटा लीज समझौता समाप्त हो रहा है, लेकिन अधिसूचना में यह स्पष्ट नहीं है कि फिर नागरिकों को जनसुविधाएं कैसे और किसके माध्यम से मिलेंगी। यह स्थिति चिंताजनक है और इससे आम जनता की मूलभूत सुविधाएं खतरे में पड़ सकती हैं।
🧑💼 उपभोक्ता प्रतिनिधियों और शिकायत कोषांग की मांग
राय ने मांग की कि औद्योगिक नगर समिति में सेवा उपभोक्ताओं के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए और साथ ही एक शिकायत निवारण कोषांग ( grievance cell ) का गठन किया जाए ताकि आम नागरिक अपनी समस्याएं सीधे सामने रख सकें।
🤝 राज्यपाल का आश्वासन: संविधान के अनुरूप होगी कार्रवाई
राज्यपाल संतोष गंगवार ने आश्वस्त किया कि वे इस विषय में जल्द आवश्यक कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक नगर समिति को संविधान की भावना और स्थानीय स्वशासन के सिद्धांतों के अनुरूप बनाया जाएगा। साथ ही, अधिसूचना में जरूरी संशोधन करने हेतु सरकार को निर्देशित किया जाएगा।
📌 विशेष बिंदु:
- टाटा लीज समझौता 2025 में हो रहा समाप्त
- औद्योगिक नगर समिति में जनता की भागीदारी नहीं
- सेवा प्रदाता के रूप में टाटा स्टील की भूमिका स्पष्ट नहीं
- राज्यपाल से समिति की संरचना पर पुनर्विचार की मांग
- शिकायत कोषांग और उपभोक्ता प्रतिनिधित्व की सिफारिश