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संविधान के मूल भावना की रक्षा करना सुप्रीम कोर्ट का दायित्व है : त्रिशानु राय

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चाईबासा (जय कुमार) : कांग्रेस जिला प्रवक्ता त्रिशानु राय ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ अमर्यादित बयानबाजी करनेवाले संवैधानिक पद पर बैठे संघी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व भाजपा के बड़बोले सांसद निशिकांत दुबे व दिनेश शर्मा पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। संविधान के मूल भावना की रक्षा करना सुप्रीम कोर्ट का दायित्व है।

उन्होंने कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट के जजों को राज्यपाल व राष्ट्रपति के कार्य प्रणाली को परिभाषित करने का अधिकार प्राप्त है‌। पूर्व में कई मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर इतराने व विपक्ष को आईना दिखलाने वाली भाजपा आज सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों पर हाय तौबा क्यों मचा रही है?

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राष्ट्रपति पद की अतिमहत्वाकांक्षा से वशिभूत होकर संवैधानिक पद पर रहते हुए धनखड़ का यह वक्तव्य उनकी गरीमा के खिलाफ है, निश्चित रुप से उन्हें अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा का प्रवक्ता पद स्वीकार कर लेना चाहिए। आगे त्रिशानु राय ने कहा कि कानून बनाने में संसद की सर्वोच्चता का मतलब यह नहीं है कि संसद में भाजपा द्वारा प्राप्त बहुमत का गलत व असंवैधानिक फायदा उठाया जाए।

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