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“शिक्षा शेरनी का दूध है, जो जितना पिएगा, वह उतना दहाड़ेगा” – डॉ. भीमराव अंबेडकर

- बिरनी में अम्बेडकर संघर्ष समिति ने धूमधाम से मनाई बाबा साहब की 134वीं जयंती
बिरनी/गिरिडीह, 14 अप्रैल 2025 – बिरनी प्रखंड परिसर सोमवार को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के पावन अवसर पर सामाजिक न्याय, समता और शिक्षा के मूल मंत्रों से गूंज उठा। अम्बेडकर संघर्ष समिति द्वारा आयोजित इस भव्य आयोजन की अध्यक्षता लक्ष्मण दास और संचालन गंगाधर दास ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत उत्साहजनक शोभा यात्रा से हुई, जो जूरपा, गोंगरा, प्लस टू उच्च विद्यालय पलौंजिया होते हुए बिराजपुर चौक तक निकाली गई। हाथों में झंडे और ध्वनि यंत्रों के साथ, सैकड़ों छात्र-छात्राओं, महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने इसमें भाग लिया। शोभा यात्रा के बाद प्रतिभागियों ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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बाद में कार्यक्रम स्थल पर लोगों ने बाबा साहब के चित्र पर कैंडल जलाकर उन्हें याद किया और उनके जीवन पर आधारित प्रेरणादायक विचारों को साझा किया। वक्ताओं ने संविधान निर्माण में बाबा साहब की भूमिका, सामाजिक सुधारों के लिए उनका संघर्ष और शिक्षा पर दिए गए जोर को विस्तार से बताया।
इस मौके पर दिवंगत डिली दास को भी याद किया गया, जिनके योगदान को लोगों ने नम आँखों से नमन किया। वक्ताओं ने कहा कि डिली दास ने न केवल बिरनी, बल्कि पूरे गिरिडीह जिले में अम्बेडकरवाद के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई। आज उनकी कमी सभी को खल रही है।
कार्यक्रम के दौरान लक्ष्मण दास ने सख्त लहजे में कहा कि, “जो लोग अम्बेडकर जयंती के नाम पर राजनीति करते हैं और दलितों, पिछड़ों तथा मूलवासी समाज के साथ छल करते हैं, उन्हें बिरनी की जनता माफ नहीं करेगी।”
यह आयोजन न सिर्फ श्रद्धांजलि का एक अवसर था, बल्कि सामाजिक जागरूकता और एकजुटता का प्रतीक बनकर सामने आया।
संपर्क में रहने वाले लोग इस विचारधारा को और आगे ले जाने का संकल्प भी लेते नजर आए। कार्यक्रम में महिलाओं, छात्राओं और युवाओं की भारी भागीदारी ने यह संदेश दिया कि बाबा साहब का सपना अब भी लोगों के दिलों में जीवित है।
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