शहर में तीन दिनों की बारिश से हुआ जनजीवन अस्त-व्यस्त।

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जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

बारिश से जहां एक तरफ जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है तो वहीं दूसरी तरफ नदी का जलस्तर बढ़ जाने से निचले इलाकों के सैकड़ों घरों में पानी घुस चुका है लोग अपने अपने घरों को खाली कर जिला प्रशासन के द्वारा बनाए गए शेल्टर होम में शरण ले रहे हैं।

जमशेदपुर के स्वर्णरेखा और खरकाई नदी खतरे के निशान से मात्र 10 मीटर नीचे है नदियां उफान मार रही है। लगातार तीन दिनों से बारिश होने की वजह से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है जिला प्रशासन द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है।

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अगर हम खरकाई नदी के निचले इलाकों बागबेरा बडौदा घाट, नया बस्ती, शिव धाम कॉलोनी समेत निचले इलाकों की बात करे तो जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। निचले इलाकों में लगभग 100 घरों में पानी घुस चुका है, स्थिति को देखते हुए कुछ लोगों ने जिला प्रशासन के द्वारा निर्धारित शेल्टर होम में शरण ले लिया तो कुछ लोग अब भी पानी कम हो जाने की उम्मीद लगाए छतों पर बैठे हुए हैं।

स्थानीय निवासी विकास कुमार ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से बागबेड़ा क्षेत्र को जोड़ने वाला पुल डूब चुका है जुगसलाई और बागबेड़ा का मुख्य पुल भी डूबने के कगार पर है उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश से निचले इलाके के लगभग सैकड़ों भर जलमग्न हो चुके हैं। विधायक के निर्देश अनुसार उनकी टीम संजीव सेना ने बाढ प्रभावित इलाको का जायजा लिया

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