अस्पताल उपाधीक्षक से बात करते ओंकार नाथ सिंह, अध्यक्ष, मानगो विकास समिति |
Jamshedpur : रविवार 18 दिसम्बर, 2022
शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है। प्रसूति विभाग में नवजात शिशुओं के लिए, खासकर प्रिमैच्योर नवजात शिशुओं के लिए न तो सुविधा सम्पन्न नर्सरी है न समर्पित चिकित्सक या सेविका ही।
विदित हो कि न्यून/ अल्प आय वाले लोगों के लिए खासकर प्रसविनी माताओं के लिए निजी अस्पतालों की सेवाएँ ले पाना दिवास्वप्न के समान है। ऐसे में जच्चा बच्चा के लिए एक मात्र सहारा सरकारी अस्पताल ही है और वह भी कुव्यवस्था का शिकार है।
मानगो विकास समिति के अध्यक्ष ओंकार नाथ सिंह को इस बात की सूचना मिली। वे सीधे अस्पताल पहुँचे और वहाँ का आलम देख कर दंग रह गएI एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक और एक अन्य सहयोगी के भरोसे लगभग चार- पाॅंच सौ नवजात शिशु थे। उसमें भी अधिकांश वैसे शिशु थे जो बेहद कमज़ोर थे और प्रसविनी माताएँ कुपोषण का शिकार दिखीं।
मौके पर उपस्थित महिला चिकित्सक ने दबी जुबान से ही सही, स्वीकार किया कि यहाँ वही माताएँ आती हैं जो अन्यत्र प्रसव सुविधा प्राप्त कर पाने में सर्वथा असमर्थ हैंI फिर भी महिला चिकित्सक का समर्पण तारीफ करने योग्य था।
अध्यक्ष ओंकार नाथ ने इस संबंध में अस्पताल के उपाधीक्षक व अधीक्षक से मुलाकात कर इस बावत जानकारी ली तो पता चला कि जो बच्चे समय पूर्व जन्म लेते हैं उनके अंतरांग स्वयं कार्य करने लायक नहीं होते और ओरल आक्सीजन देने की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें अन्यत्र बेहतर इलाज के लिए रेफर करने की बाध्यता हो जाती हैI
ऐसी स्थिति में जच्चा- बच्चा भगवान भरोसे रहने को मजबूर हो जाता हैI दोनों अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में कई बार पत्राचार किया गया है और तत्संबंधी मांग की गई है पर अभी तक ये और इन जैसी अनेक सुविधाओं का अभाव बना हुआ है।
अध्यक्ष श्री सिंह ने इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, माननीय मुख्यमंत्री, सचिव स्वास्थ्य विभाग को ट्वीट कर जानकारी दी है और अस्पताल को सुविधा सम्पन्न बनाने तथा गरीब गुरबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।