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झारखंड

शराब के नशे में एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला होमगार्ड जवान से की बदसलू की।

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THE NEWS FRAME

जमशेदपुर । झारखंड

एमजीएम हॉस्पिटल में आये दिन कुछ ना कुछ घटनाएं होती रहती हैं। अभी मरीज के परिजनों द्वारा डॉक्टर की पिटाई से बौखलाए डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की हड़ताल का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि आज महिला होमगार्ड के जवान ने डॉक्टरों पर बदसलूकी का आरोप लगा दिया है।

बताया जा रहा है कि बीती रात डॉक्टर ने शराब के नशे में महिला होमगार्ड के साथ चिल्ड्रन वार्ड में बदसलूकी की। महिला गार्ड का कहना है कि चिल्ड्रन वार्ड में आये दिन डॉक्टर और परिवारजनों के बीच नोजझोंक होती रहती है, जिस वजह से वहां महिला होमगार्ड की तैनाती की जाती है। महिला होमगार्ड का कहना है कि वे पूरी निष्ठा से अपनी ड्यूटी पूरी करती है लेकिन डॉक्टरों द्वारा हमेशा उन्हें अपमानित किया जाता है, और अपशब्द भी कहे जाते हैं।

जिस बात को लेकर आज महिला होमगार्ड के सदस्यों ने एमजीएम सुपरिंटेंडेंट से मुलाकात कर, इस बात को रखा।

जानकारी के मुताबिक कल रात 10:40 बजे तुलसी हेंब्रम और पुनम हेंब्रम का ड्यूटी इमरजेंसी में था, वहीं शराब के नशे में धुत डॉक्टर, इमरजेंसी में आए और ड्यूटी में तैनात इन महिला होम गार्ड्स को गाली गलौज देते हुए अनपढ़, जाहिल, गंवार, आदिवासी, जंगली बोला और उन्हें ड्यूटी से भगा दिया। उन्हें बोला गया कि इन लोगों से कुछ नहीं होगा, पुरुष जवान को बुलाया जाए। जब वह बोली कि हमारी ड्यूटी इमरजेंसी में है तो उन्हें धक्का मुक्की कर वहां से निकाल दिया गया। वहीं डॉक्टर का कहना है की गार्ड के रहने के बावजूद वे सुरक्षित नहीं है। इसपर महिला गार्ड का कहना है कि डॉक्टर इतना पढ़ा लिखा होता है, उसके बावजूद महिला गार्ड को अनपढ़ जाहिल बोलते हैं, अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं, यह शर्मनाक है।

महिला गार्ड सुरक्षा के लिए है, किसी को मारने के लिए नहीं। हमें लाठी चार्ज के लिए नहीं रखा गया है। 

वहीं महिला गार्ड ने बताया कि एमजीएम हॉस्पिटल में हमेशा कुछ ना कुछ घटना होता रहता है। खासकर गायनी वार्ड में अक्सर कुछ ना कुछ होता रहता है। इसका जवाब डॉक्टर ही देंगे कि हमेशा गायनी वार्ड में झमेला क्यों होता है? वही गार्ड ने डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि मृत बच्चों के परिजन ने डॉक्टर को क्यों मारा? इसका जवाब डॉक्टर दे। आप बोलते हैं तबीयत खराब है, जब तबीयत खराब है तो आपको दूसरे अस्पताल में रेफर कर देना चाहिए। जब पूरा परिवार और समाज उठ कर आ जाता है, तो गार्ड लोग ही मदद करता है। महिला गार्ड किसी से कुछ बोलती नहीं है तो वह कैसे किसी को मार सकती है। वही तुलसी गार्ड इतनी डरी हुई है कि यहां ड्यूटी करने से कतरा रही है। उनका कहना है कि जब गार्ड के साथ ऐसा व्यवहार होगा तो हम लोग कैसे सुरक्षा करेंगे?

बता दें कि कल रात के 10:40 बजे लगभग 20 डॉक्टरों ने नशे की हालत में इमरजेंसी आये और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए ड्यूटी क्षेत्र से महिला होमगार्ड को धक्का मार कर निकाल दिया। और महिला गार्ड को बोला कि जाओ पुरुष गार्ड को भेजो। जब पुरुष गार्ड में प्रमोद गिरी वहां पहुंचे तो उनके साथ भी डॉक्टरों ने गाली गलौज कर धक्का मुक्की की और उन्हें भी आपमानजनक शब्द कहा। सभी बातों की जानकारी आज एमजीएम सुपरिटेंडेंट को दे दी गई है।

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