वैज्ञानिक, जनवादी व धर्मनिरपेक्ष शिक्षा को बर्बाद करने एवं शिक्षा का निजीकरण - व्यापारीकरण को बढ़ावा देने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 रद्द करने की मांग को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला।
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वैज्ञानिक, जनवादी व धर्मनिरपेक्ष शिक्षा को बर्बाद करने एवं शिक्षा का निजीकरण – व्यापारीकरण को बढ़ावा देने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 रद्द करने की मांग को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला।
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन द्वारा राज्य कार्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों के सैकड़ों सदस्य शामिल हुए। वक्ता के रूप में उपस्थित अखिल भारतीय सचिवमंडल सदस्य व पश्चिम बंगाल राज्य अध्यक्ष शामसुल आलम ने कहा कि इस कोरोना महामारी में जो सबसे बड़ी क्षति हुई है, वह शिक्षा का हुआ है।
सरकार को इस हालात में सुधार कर स्कूल – कॉलेज – यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक माहौल को बनाने का काम करना चाहिए था। ऐसे हालात में सरकार को ऐसी नीति को लागू करना चाहिए जो वर्तमान शिक्षा नीति में व्याप्त त्रुटियों – कमियों – खामियों को दूर कर एक ऐसी शिक्षा नीति का निर्माण करती जो आम जनमानस के पहुंच में आसानी से होता। परंतु इसके विपरीत नई शिक्षा नीति 2020 को बिना किसी सार्थक चर्चा परिचर्चा और लोकसभा राज्यसभा में बहस कराए हुए, जबरन देश के शिक्षण संस्थानों में थोप दिया जा रहा है।
यह शिक्षा नीति ना केवल शिक्षा के निजीकरण व्यापारिकरण व संप्रदायिकरण को बढ़ावा देगी बल्कि इससे भी बढ़कर यह नीति शिक्षा के आधारभूत सार तत्व और शिक्षा के उद्देश्य को ही समाप्त कर देगा।
दिल्ली राज्य उपाध्यक्ष व अखिल भारतीय सचिव मंडल सदस्य राहुल सरकार ने कहा कि शिक्षा का जो मूल उद्देश्य नीति नैतिकता, मूल्य बोध, इंसानियत को छात्रों के अंदर उतारना है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 देश में शिक्षा व्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डालेगी और शिक्षा को बाजारू माल में तब्दील कर देशी-विदेशी पूंजीपतियों के द्वारा आम गरीब जनता के शोषण के रास्ते को खोल देगी। शैक्षणिक – गैरशैक्षणिक गतिविधियों एवं विज्ञान व कला संकाय के बीच किसी ठोस विभाजन का ना होना सीखने और सिखाने की पूरी प्रक्रिया को ही बर्बाद कर देगा। विभिन्न जिलों के सदस्य द्वारा विभिन्न सवालों पर चर्चा विमर्श किया गया है।
शिक्षा के मूल सारतत्व को बर्बाद करने वाले इस नीति को अविलंब विचार कर इसे वापस किया जाए।
आज के कार्यक्रम में राज्य सचिव समर महतो, राज्य उपाध्यक्ष श्रीमंत बारीक युधिष्ठिर कुमार राज्य कोषाध्यक्ष सोहन महतो विभिन्न जिला के प्रतिनिधि सोनी सेनगुप्ता, खुशबू कुमारी, रमेश डेनियल, श्यामल मांझी, लक्ष्मी मुंडा, रिंकी बसिरयार, क्यामुद्दीन अंसारी तथा अन्य कई साथी उपस्थित थे।