बहुत ही गर्व की बात है कि आज से हमारे देश में कोरोना टीकाकरण का काम आरम्भ हो चुका है। जिसके तहत पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। पहले दिन लगभग 3 लाख लोगों को टीका लगाई जाएगी।
सबसे अहम बात तो यह है कि कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण में कोविड-19 के खिलाफ एंटीडोट विकसित होने की पुष्टि हुई है। लेकिन कंपनी ने अभी वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल पूरे नहीं किए हैं।
इस बीच भारत बायोटेक कंपनी ने अपने द्वारा निर्मित ‘कोवैक्सीन’ को लेकर साफ कह दिया है कि इस कोरोना वैक्सीन के दुष्परिणाम नजर आने पर लाभार्थी को कंपनी की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।
फॉर्म में आखिर लिखा क्या ?
वैक्सीन प्राप्त करने वाले को एक फॉर्म दिया जाएगा। फॉर्म में इस बात को खास तौर से लिखा है कि यदि वैक्सीन की वजह से कोई भी गंभीर साइड इफेक्ट्स होता है तो इस स्थिति में लाभार्थी को सरकार के तय किए गए मानदंड और नियमों के आधार पर अधिकृत अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी।
वैक्सीनेशन के बाद शुरुआती 7 दिनों के अंदर होने वाले शारीरिक बदलाव या किसी प्रकार का लक्षण दिखने पर उस फार्म में लिखना होगा। फॉर्म में विशेष कर यह भी लिखा है कि चरण-1 और चरण -2 में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन ने एंटीबॉडी तैयार करने की क्षमता दिखाई है। चरण-3 का ट्रायल अभी नहीं हो पाया है, इसलिए कोवैक्सीन की एफिकेसी को तय नहीं किया जा सका है।’ फ़ार्म में यह भी लिखा गया है कि टीका लगवाने के बाद कुछ सावधानियों का पालन करना है और उन सावधानियों को अवश्य मानना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक भारत सरकार ने अभी 55 लाख कोविद-19 टीके की खुराकों की आपूर्ति करने हेतु भारत बायोटेक को टेंडर दे दिया है।