चाईबासा : शुक्रवार 27 अगस्त, 2021
सेना का गौरव और सेना का सम्मान सचमुच अद्भुत और अतुलनीय है। जीवंत रहते हुए जो सम्मान मिलता है उससे कई गुना अधिक सम्मान शाहिद उपरांत मिलता है। देश के लिए शाहिद होने का गौरव और सम्मान करना हर किसी के किस्मत में नहीं होता। विरले ही होते हैं जो सेना में जाते हैं और भारत माँ की सेवा करने का गौरव प्राप्त करते हैं। ऐसे वीर सपूतों को हर भारतवासियों की ओर से नमन है।
आज सुबह 4:00 बजे रांची से वीर हवलदार मनोहर कुंकल का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग द्वारा गम्हरिया कांड्रा मार्ग से होते हुए चाईबासा स्थित उनके पैतृक गांव दोकट्टा पहुंचा। साथ में 100 फील्ड रेजीमेंट के सेना के गार्ड पूर्व सैनिक सेवा परिषद के प्रशासन के प्रतिनिधि एवं गांव के सैकड़ों नगरवासी उनके गांव स्थित मकान पहुंचे।
हवलदार मनोहर कुंकल के पार्थिव शरीर का दर्शन करने हेतु ताबूत खोला गया जिसे देखते ही परिवार के लोग चित्कार भर कर रोने लगे और माहौल गमगीन हो गया। सेना ने उन्हें सलामी दी एवं स्टेशन कमांडर एवं यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर के प्रतिनिधियों ने पुष्प चक्र भेंट किया। जबकि प्रशासन के तरफ से आए हुए प्रतिनिधियों ने भी अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
सैनिक सम्मान के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके परिजनों को सौंपा गया। जो अपने रीति रिवाज से उनको अपने घर के आंगन में ही दफनाने की व्यवस्था की थी, वहां दफनाया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के प्रतिनिधि के रूप में सुशील कुमार सिंह दिनेश सिंह मिथिलेश सिंह विवेक कुमार सिंह एवं राजू रंजन उपस्थित थे। जबकि 100 फील्ड रेजिमेंट के तरफ से सूबेदार जय किशोर मिश्रा जी अगुवाई में गार्ड ने वीर मनोहर कुंकल को सलामी दी साथ ही दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि दी गयी।
प्रसाशन के तरफ से डी एस पी, एस डी ओ, बी डी ओ, स्थानीय थाना प्रभारी एवं जन प्रतिनिधियों के साथ साथ सैकड़ों नगर वासी अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किए। 💐🙏
पढ़ें खास खबर–
जद्दोजहद : भारत और भारतीय नक्सल