झारखंड
विश्व यक्ष्मा दिवस पर चाईबासा में टी.बी मुक्त पंचायत अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया गया सम्मानित

चाईबासा (जय कुमार): पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय शहर चाईबासा स्थित पिल्लई सभागार में विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर जिले के सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो माझी, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. भारती मिंज, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, आरसीएचओ सहित अन्य चिकित्सा पदाधिकारी, चिकित्सा कर्मी, जनप्रतिनिधि और अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम उपस्थित अतिथियों को पौधा एवं अंग वस्त्र भेंट कर उनका स्वागत व अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम में टी.बी मुक्त पंचायत अभियान के तहत चार अर्हता प्राप्त पंचायत के मुखिया, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, एसटीएस, सहिया साथी और सी.एच.ओ को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इसके अलावा, सभी प्रखंडों से चयनित स्वास्थ्य कर्मचारी, सहिया और सी.एच.ओ को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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इस दौरान टी.बी मुक्त अभियान के तहत बेहतर कार्य करने वाले निजी अस्पताल के चिकित्सक डॉ. विजय मुद्रा और टाटा स्टील फाउंडेशन के डॉक्टर कुशल कुमार साहू, साथ ही निक्ष्य मित्र बनकर टीवी ग्रस्त बीमार व्यक्ति को गोद लेने वाले संस्था रोटरी क्लब, इनर व्हील, चाईबासा चेंबर ऑफ कॉमर्स और अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला समिति को भी सम्मानित किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि “टी.बी हारेगा-देश जीतेगा” को चरितार्थ करने के लिए जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का बेहतर समन्वय आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में टी.बी मुक्त पंचायत अभियान के तहत अहर्ता प्राप्त जिले के चार पंचायत के मुखिया और स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित करना काफी सुखद है। उन्होंने उपस्थित सभी जनों से टी.बी जैसी बीमारियों के उन्मूलन में अपना शत-प्रतिशत योगदान देने का आह्वान किया।
उपायुक्त ने कहा कि हर साल 24 मार्च को मनाया जाने वाला विश्व टी.बी दिवस, दुनिया की सबसे घातक संक्रामक बीमारी को खत्म करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि जिले में टी.बी के निदान के लिए सभी 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एनएएटी टेक्नोलॉजी आधारित बलगम जांच की व्यवस्था, साथ ही डिजिटल एक्सरे की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।