झारखंड
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर की लाइफलाइन स्वर्णरेखा और खरकई की बदहाली के विरोध में मानगो गांधी घाट में सांकेतिक धरना दिया। सरयू राय ने कहा एक वर्ष का लक्ष्य तय कर खरकई व स्वर्णरेखा को साफ कराने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करेंगे।
जमशेदपुर | झारखण्ड
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जुन 2023 के अवसर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली खरकई व स्वर्णरेखा नदी को उद्योगीक और नगरीय प्रदुषण से मुक्त कराने के लिए मानगो स्थित गांधी घाट में विभिन्न राजनितिक दल, सामाजिक संगठनों के लोगों एवं समर्थकों के साथ सांकेतिक धरना दिया।
खरकई व स्वर्णरेखा बचाओ समिति के बैनर तले आयोजित धरना प्रदर्शन में विधायक सरयू राय ने नदी की वर्तमान बदहाल स्तिथि के कारणों पर चर्चा करते हुए कहा की 1960- 1970 के दशक में जब अमेरिका में उद्योगों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई और प्रदुषण का स्तर एकाएक बढ गया। तब विश्व में सन 1973 में दिनांक 5 जुन को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। श्री राय ने कहा खरकई और स्वर्णरेखा नदी के कारण ही जमशेदपुर में टाटा स्टील का कारखाना स्थापित हुआ। आज टाटा स्टील का कारखाना 50 गुना अधिक बढ़ गया है। लेकिन नदियों के विकास के लिए कोई ठोस नीति आज तक नहीं बनी। वर्ष 2008-2009 से नगरपालिकाओं द्वारा कंसल्टेंट बहाल करने और डीपीआर बनाकर नदियों को स्वच्छ करने के दावे किए जाते रहे किंतु कोई कार्य प्रारंभ नहीं हुआ।
जब वर्ष 2005 में वे (सरयू राय) पहली बार जमशेदपुर के विधायक निर्वाचित होकर आए उन्होनें स्वर्णरेखा नदी की जांच के लिए नमूना संग्रह किया तब कुछ राजनितिक दलों के लोगों ने उनके कार्य का उपहास उड़ाया था। आज 18 वर्ष बाद नदी की स्थिति बद से बदतर हो गई है। शहर के जो नाले बहते है उनका गंदा पानी बिना साफ किए सीधे नदी में प्रवाहित होता है।
श्री राय ने कहा की आज नदियों के किनारे एक बड़ी आबादी की बसाहट हो गई है और नदी के दुषीत होने से सबसे अधिक नुकसान इसी बसाहट को है। हमारा यह प्रयास रहना चाहिए की हमारे घरों की गंदगी नालों में कम जाए और नालों की गंदगी नदियों में नहीं जाए। जमशेदपुर के आसपास जितनी भी बसाहट है सबको मिलाकर विकास का एक ढांचा बनाकर कार्य करना होगा तभी वृहत और ग्रेटर जमशेदपुर की परिकल्पना साकार होगी और इसी दिशा में नदियाँ भी अविरल और निर्मल बन पायेगी. सरयू राय ने कहा वे इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए सरकार से दोनो जिला के अधिकारियों की बैठक बुलाकर नदियों के विकास के लिए नीति निर्धारित करने की मांग करेंगे। खरकई यात्रा का भी आगाज किया जाएगा। श्री राय ने जमशेदपुर कि जनता और पर्यावरण प्रेमियों से अपिल की वे अपने निज जीवन, सोशल मिडिया में “मैं भी पर्यावरण प्रहरी” हैषटैग मुहिम चलाए और एक वर्ष का लक्ष्य निर्धारित कर नदियों को साफ कराने के लिए कार्य करने का संकल्प ले।
सरयू राय ने कहा की जिस खरकई और स्वुर्णरेखा नदी के वरदान से यह शहर और उद्योग बना आज यही उद्योग और शहर दोनो नदियों के लिए भस्मासुर बन गए हैं। नदियों को बचाने के लिए जनता को स्वयं आगे आना होगा। सरयू राय ने कहा की उनके धरना देने का उद्देश्य सरकार यह उद्योगों की खिलाफत करना नहीं है बल्कि उनको चेताना है की नदियों को साफ रखने के लिए जो उनकी जिम्मेवारी है उसका निर्वाहन वे ठीक से करे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संयोजक मुकुल मिश्रा ने की धन्यावाद ज्ञापन अजय सिंहा ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से समाजसेवी ए के श्रीवास्तव, कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया, भरत वसानी, जमशेदपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स के हरविंदर सिंह मंटू, सीबीएमडी के मनोज सिंह, ओम प्रकाश सिंह, कविता परमार, मनोज सिंह उज्जैन, मंजु सिंह, कुलविंदर सिंह पन्नु, चंद्रशेखर राव, विकास गुप्ता, राजेश कुमार, धर्मेंद्र प्रसाद, आकाश शाह, प्रवीण सिंह, शंकर कर्मकार, राघवेंद्र प्रताप सिंह, प्रेम सक्सेना, बिनोद यादव, कैलाश झा, कन्हैया ओझा, विनोद राय, चुन्नु भुमिज, तिलेश्वर प्रजापती, विजय नारायण सिंह, गणेश चंद्र, सुनिता सिंह, काकोली मुखर्जी सहित अन्य उपस्थित थे।