विश्व का प्रत्येक देश कोरोना महामारी के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुआ। वहीं सबसे शक्तिशाली राष्ट्र कहा जाने वाला देश अमेरिका भी इससे अछूता नहीं रहा। विश्व की इकोनॉमी को भी डगमगा गई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी वाला देश अमेरिका पर कर्ज का बोझ 29 लाख करोड़ डॉलर हो गया है। जो कि भारतीय इकोनॉमी से करीब 10 गुना ज्यादा है। अमेरिकी Congressional Budget कार्यालय का ऐसा अनुमान है कि साल 2050 तक अमेरिका 104 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज और ले सकता है।
बात दें की अमेरिका ने भारत से 216 अरब डॉलर (लगभग 15 लाख करोड़) का कर्ज ले रखा है। जिससे कि हर अमेरिकी पर करीब 84000 डॉलर यानी 60 लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज है।
अमेरिकी कांग्रेस Alex Mooney ने अपने एक बयान में कहा है कि चीन हमेशा अमेरिका से कॉम्पिटिशन करता रहा है साथ ही अमेरिका ने सबसे ज्यादा कर्ज चीन और जापान से लिया है, जो की उसके मित्र देश भी नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ओबामा के 8 वर्षों तक देश के राष्ट्रपति रहते हुए कर्ज का बोझ बहुत तेजी से बढ़ा था। अन्य सांसदों से भी अपील की है कि नए राहत पैकेज को मंजूरी देने से पहले इसके बारे में विचार अवश्य कर ले।
अमेरिका ने चीन और जापान दोनों से 1-1 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज ले रखा है। वहीं ब्राजील जैसे देश से भी 258 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया है। ओबामा शासनकाल में अमेरिका पर 6 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज था। कर्ज के बढ़ते बोझ को ही ध्यान में रखते हुए कांग्रेस मूनी ने 1.9 ट्रिलियन डॉलर के नए राहत पैकेज का विरोध किया था।