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झारखंड

वायरलेस सेंसर सहित होगी कृषि. NIT में कार्यक्रम के तीसरे दिन कृषि को प्रभावी तरीके से करने तथा उसमे आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क प्रयोग को बताया गया।

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THE NEWS FRAME

जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

वर्तमान समय में बढ़ती जनसंख्या की खाद्य आपूर्ति के लिए कृषि क्षेत्र में प्रद्योगिकी का इस्तेमाल बहोत आवश्यक हो गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर, 09 से 13 जनवरी, 2024 के दौरान आई.ओ.टी. और ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम का उपयोग करते हुए स्मार्ट और प्रभावी कृषि पर आधारित एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित, उन्नत उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम (ए-ईएसडीपी) का आयोजन कर रहा है। 

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषि में आईओटी के अनुप्रयोग, आईओटी पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस), जीएनएसएस पोजिशनिंग तकनीक, जीएनएसएस के अनुप्रयोग, वायरलेस सेंसर का डिजाइन, कृषि उपयोग हेतु करना है। कार्यक्रम के तीसरे दिन कृषि को प्रभावी तरीके से करने तथा उसमे आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क प्रयोग को बताने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के डॉ दिनेश कुमार, मौसम विभाग में कार्यरत डॉ सोमनाथ महतो, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर के डॉ राजेंद्र मंचावरम और प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के ही डॉ बासुदेव बेहेरा ने अपने व्यक्त्व्य अभ्यर्थियों के समक्ष रखे।

डॉ दिनेश ने बताया कि तेजी से विकास के लिए किस तरह एक अच्छे आपूर्ति-श्रृंखला नेटवर्क का होना जरूरी है, जिसके बिना खाद्य संपदा को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि किस तरह हमे आपूर्ति-श्रृंखला नेटवर्क को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए ताकि मुस्किल समय जैसे कोरोना काल, देशों के मध्य मदभेद, या फिर ड्राइवर्स की हड़ताल जैसे मामलों में भी बिना रुकावट समान को ग्राहक तक पहुंचाया जा सके। 

डॉ महतो ने हैंड्स ओन के जरिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम का प्रयोग करके अभ्यर्थियों को दिखाया।डॉ राजेंद्र ने बताया केसे हम  कृषि मशीन में कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग करके कृषि को स्मार्ट और उपयोगी बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया केसे ट्रैक्टर इंजन की उत्पादकता को कृत्रिम तंत्रिका के जरिए बढ़ाया जा सकता है। अंत में डॉ बासुदेव ने कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आईओटी के इस्तेमाल के बारे में बताया, स्मार्ट एग्रीकल्चर में किसान, सेंसर के माध्यम से प्रकाश, तापमान, मिट्टी की नमी, फसल के स्वास्थ्य की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं और अपनी आय को बढ़ा सकते हैं।

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