राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 वापस लेने को लेकर AIDSO ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन।

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Chandil : सोमवार 07 फरवरी, 2022

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ 1 से 7 फरबरी अखिल भारतीय विरोध सप्ताह के तहत आज दिनांक 7 फरवरी को AIDSO सराइकेला खरसावां जिला कमेटी के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 वापस लेने की मांग को लेकर सराइकेला खरसावां जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुपस्थिति में इंचार्ज के द्वारा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ज्ञापन दिया गया।

मौके पर उपस्थित जिला इंचार्ज युधिष्ठिर कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी है वह शिक्षा के चौतरफा निजीकरण, व्यापारीकरण, व्यवसायीकरण व सांप्रदायीकरण को बढ़ावा देने वाली है। शिक्षा नीतियों के निर्धारण में सारी जनवादी प्रक्रियाओं को ताक पर रखते हुए शिक्षाविदों, छात्र व शिक्षक संगठनों के सुझावों को पूरी तरह दरकिनार करते हुए और महामारी की भयावह परिस्थितियों को एक अवसर की तरह उपयोग कर केंद्र सरकार कुटिलता पूर्वक अपने एजेंडे को लागू कर रही है। 

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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 देश में शिक्षा व्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डालेगी और शिक्षा को बाजारू माल में तब्दील कर देशी – विदेशी पूंजी पतियों के द्वारा आम गरीब जनता के शोषण के रास्ते को खोल देगी। स्कूली शिक्षा की पुरानी पद्धति को बदलकर अब 5 + 3 + 3 + 4 शिक्षा पद्धति को लागू किया जा रहा है, जिसमें 1 व 2 क्लास  के बच्चों की शिक्षण प्रक्रिया उन आंगनबाड़ियों के हाथ में सौंप दी जाएगी जो पहले ही वेंटीलेटर पर है। और क्लास 1 से 8 तक फेल न करने की नीति को जस की तस लागू रखना पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही संकट में डाल देगा। 

इसी तरह उच्च शिक्षा में 3 साल के स्नातक डिग्री कोर्स को मल्टीपल एंट्रेंस, एग्जिट सिस्टम के साथ बढ़ाकर 4 साल का करके व कॉलेज, विश्विद्यालय को स्वायत्तता देकर भारतीय उच्च शिक्षा को विश्व बाजार के अनुरूप ढालने की योजना तैयार की गई है। जिसके चलते धीरे धीरे शिक्षा महंगी होगी और आम छात्रों से दूर होति जायेगी।

ज्ञापन में उपस्थित जिला अध्यक्ष विशाल वर्मन, सचिव विशेश्वर महतो, प्रभात महतो, रेणु कुमारी, आस्तिक महतो, रवींद्र महतो, रामेश्वर महतो, युधिस्ठिर , लक्की कांत, अजीत महतो, आदि उपस्थित थे।


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