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झारखंड

राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य कुष्ठ निवारण कार्यालय, राँची में पाँच दिवसीय कुष्ठ प्रशिक्षण का आयोजन।

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THE NEWS FRAME

जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

राज्य कुष्ठ निवारण कार्यालय ,राँची तथा डेमियन फाउंडेशन इंडिया ट्रास्ट के सौजन्य से दिनांक 09 मई से 13 मई 2023 तक सभी जिला कुष्ठ परामर्शी कायचिकित्सक, अचिकित्सा सहायक तथा पी0एम0डब्ल्यू का पाँच दिवसीय कुष्ठ प्रशिक्षण का आयोजन लोक स्वास्थ्य संस्थान, नामकुम राँची में किया गया। 

कुष्ठ रोगी का जल्द पहचान कर ईलाज शुरू करने से दिव्यांगता से बचाया जा सकता है और इसका ईलाज सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क उपलब्ध हैं। कुष्ठ रोग मुक्त समाज के लिए हम सभी लोगों को भगीरथी प्रयास करना होगा- श्री शिवा कुमार, सचिव – डेमियन फाउंडेशन इंडिया ट्रास्ट।

राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य कुष्ठ निवारण कार्यालय, राँची तथा डेमियन फाउंडेशन इंडिया ट्रास्ट के सौजन्य से सभी जिलों के जिला कुष्ठ परामर्शी, कायचिकित्सक,अचिकित्सा सहायक तथा पी0एम0डब्ल्यू का पाँच दिवसीय कुष्ठ प्रशिक्षण लोक स्वास्थ्य संस्थान, नामकोम,राँची मे सम्पन्न हुआ।उक्त प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं सह राज्य कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ0 बिरेन्द्र प्रसाद सिंह, श्री शिवा कुमार, सचिव डेमियन फाउंडेशन, डॉ0 सर्वोव्रतो राय- परामर्शी-डेमियन फाउंडेशन तथा डॉ0 गौतम कुमार, राज्य समन्वयक -डेमियन फाउंडेशन के द्वारा किया गया।इस अवसर पर श्री शिवा कुमार ने कहा कि सभी को मिल कर कुष्ठ उन्मूलन के लिए भगीरथी प्रयासरत करना चाहिए। कुष्ठ रोग का सही समय पर ईलाज कराने से दिव्यांगता से बचा जा सकता है।उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोगियों से भी समान्य रोगी जैसा व्यवहार करने तथा नियमित रूप से एमडीटी दवा का सेवन करने से यह बिल्कुल ठीक हो सकता है। 

●डॉ0 राय- कुष्ठ परामर्शी,डेमियन फाउंडेशन ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कुष्ठ रोग बेक्टीरिया जनित रोग है तथा यह रोग छुने से नहीं फैलता है और न यह पिछले जन्म का पाप से कोई संबंध है। इसका ईलाज सभी सरकारी स्वास्थ केन्द्रों में नि:शुल्क उपलब्ध है।

●डेमियन फाउंडेशन के सचिव श्री शिवा कुमार ने कुष्ठ रोग की परिभाषा, कुष्ठ रोग के प्रकार तथा उपचार के बारे मे मनोरंजक तरीका से बताया।उन्होंने न्युराईटिस के प्रकार तथा रिएक्शन मैनेजमेंट के बारे मे भी प्रकाश डाला।उन्होंने कुष्ठ रोगियों के रेफरल सिस्टम को ओर भी सुदृढ़ करने तथा ईलाज सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

◆कायचिकित्सक नन्हे कुमार सिंह ने शेल्फ केयर के बारे मे विस्तार से बताया। उन्होंने कुष्ठ रोगियों को गर्म चीजों को हाथों से न पकड़ने तथा ठण्डे मे आग सेकने मे सावधानी बरतना चाहिए।उन्होंने रिकन्सट्रक्टिभ सर्जरी के बारे में बताया गया।इस सर्जरी के द्वारा कुष्ठ रोगियों के हाथ, पैर तथा आँखों की दिव्यांगता को दूर किया जाता है।

◆डॉ0 राजीव लोचन महतो,जिला कुष्ठ परामर्शी- पूर्वी सिंहभूम ने इसे एक सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण सें कुष्ठ रोग के बहुत सारे भ्रांतियां से अवगत होते हैं। कुष्ठ रोग के बारे मे और भी जानकारी प्राप्त होता है साथही कुष्ठ रोग के उन्मूलन में सहयोग मिलता है।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राज्य कुष्ठ निवारण कार्यालय से श्री रंजीत पाठक तथा श्री असीत कुमार, डेमियन फाउंडेशन के जिला समन्वयक बलराम महतो,कामदेव बेसरा, अमूल्य महतो, दिवाकर महतो, प्रदीप कुमार, थोमस,सोनाराम पूर्ति, मुकेश कुमार, तथा सी0एस0डब्ल्यू श्री राजेश्वर कुमार का अहम योगदान रहा।

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