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झारखंड

राम मंदिर में एसियाई ज्योतिष सम्मेलन का आगाज , विदेश से भी ज्योतिष शरीक हुए

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जमशेदपुर  |  झारखण्ड

ज्योतिष शिक्षण संस्थान जमशेदपुर के तत्वाधान में राम मंदिर बिष्टुपुर में तीन दिवसीय एसियाई ज्योतिष सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया । शुक्रवार को संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बिहार सरकार के पूर्व कला एवं संस्कृति मंत्री व वर्तमान विधायक सहरसा के डॉ आलोक रंजन के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम में उन्होंने देश बिदेश के साथ साथ बड़ी संख्या मे उपस्थित स्थानीय ज्योर्ति र्विदों को संबोधित करते हुए उन्होंने इस कार्यक्रम के संचालक प्रो. एसके शास्त्री के ज्योतिष शास्त्र के क्षेत्र में योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन का महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने और उसके सफल होने के लिए ज्योर्तिविदों का सलाह काफी लाभप्रद होता है। 

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साथ ही उन्होंने आहवान किया कि जिस प्रकार डॉ एवं मरीज की कुंडलियों के मिलन उपरांत इलाज सफल होता देखा गया है , उसी प्रकार से यदि सभी संस्थाएं अपने भर्ती प्रक्रियाओं में भी यदि अभ्यर्थी की कुण्डली से संस्था का तालमेल बैठाकर ज्योतिष सामंजस्य अनुरूप परामर्श देंगे तो दोनों यथा अभ्यर्थी एवं संस्था को विशेष लाभ मिलेगा। इसी तरह यदि स्कूल कालेज जैसे संस्थान भी बिद्यार्थियों के लिए ज्योतिष परामर्श का लाभ उपलब्ध कराएंगे तो उनको उनके अकादमिक यात्रा के दौरान होने वाले चिंता अवसाद से मुक्ति मिलेगी। साथ ही आगे उन्होंने बताया कि आध्यात्मिक स्वरुप में ज्योतिष को मन, शरीर, और आत्मा के त्रितीयक संबंध को समझने का एक सटीक माध्यम माना जाता है, जिससे व्यक्ति अपने आत्मा की ऊँचाइयों की ओर बढ़ सकता है। 

वर्तमान परिदृश्य में ज्योतिष शास्त्र की व्यापकता के वाबजूद इसे वैज्ञानिक समुदाय में स्वीकृति सहज रूप से नहीं है बल्कि इसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से लेकर ही ग्रहों के प्रभाव का सामर्थ्य को पूर्ण रूप से मानने वाले लोग हैं। लेकिन यह भी सत्य है कि जहां विज्ञान समाप्त होता है वहाँ से विज्ञान शुरू होता है और ज्योतिष विज्ञान और अध्यात्म दोनों का समन्वय है। अतः यह शास्त्र काफी महत्वपूर्ण हो जाता है और इसी वजह से शास्त्र से जुड़े आप ज्योतिर्विदों का पुरातन से ही समाज मे अलग सम्मानजनक स्थान है। उद्घाटन सत्र मे मुख्य अतिथि के आलवे अति विशिष्ठ अतिथियों के रूप में नेपाल से आए आचार्य लक्षमन पती, दिल्ली से आये डॉ भारत भूषण भारद्वाज एवं स्थानीय मुरलीधर केडिया, डॉ तपन राय भी मौजूद थे , जिन्होंने अपने ज्योतिष अनुभवों को साझा किए। उद्घाटन उपरांत केसर के संस्थापक प्रो. एसके शास्त्री द्वारा हिन्दी एवं बांग्ला में रचित पुस्तक “हस्तरेखा संजीवनी” का विमोचन किया गया। आज के उद्घाटन सत्र उपरांत विदेशो से आए ज्योतिषियों को सम्मानित किया गया । इस वर्ष अब तक बांग्लादेश, नेपाल से कई ज्योतिष गण पहुँच चुके है। आने वाले दो दिनों में और भी बिदेशों यथा श्रीलंका आस्ट्रेलिया, कनाडा इत्यादि देशों से आने की संभावना है। वहींं 

दूसरे सत्र में आए हुए ज्योतिषियों ने हस्तरेखा मे अपने ज्ञान एवं शोध को साझा किए। अंत मे सैकड़ों स्थानीय जनता ने 5 बजे से रात्री 10 बजे तक होने वाले निःशुल्क ज्योतिष परामर्श का लाभ उठाने हेतु पंजीयन करवाया। निःशुल्क ज्योतिष परामर्श दूसरे दिन 20 जनवरी को भी 5 बजे संध्या से किया जाएगा जिसमे आने वाले जातक लाभ उठा सकते हैं।

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