त्योहार 2024
रामनवमी को लेकर कदमा थाना में शांति समिति की बैठक सम्पन्न

रामनवमी को लेकर कदमा थाना में शांति समिति की बैठक सम्पन्न
जमशेदपुर : कदमा थाना में रामनवमी को लेकर शांति समिति की बैठक कदमा थाना प्रभारी संजय सुमन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में मुख्य रूप से डीएसपी निरंजन तिवारी, थाना के पदाधिकारी, शांति समिति के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी और 28 अखाड़ा कमेटी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
बैठक में अखाड़ा कमेटी के सदस्यों ने अपनी-अपनी समस्याएं रखीं। इनमें ईद के दिन तीन बार पानी देने की अपील, ईद के दिन मस्जिद एवं ईदगाह वाले रूट की यातायात व्यवस्था पर विशेष नजर रखने, रामनवमी जुलूस के रूट में पड़ने वाले झूलते हुए पेड़ों की कटाई, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था को दुरुस्त करने, चैती छठ को देखते हुए घाट की साफ-सफाई, रोड पर अवैध तरीके से गिरे बालू-गिट्टी के चलते जुलूस निकालने में अवरोध होने और रोड पर अवैध पार्किंग लगाए जाने जैसी समस्याएं शामिल थीं।

रामनवमी को लेकर कदमा थाना में शांति समिति की बैठक सम्पन्न
यह भी पढ़ें : 24 घंटे के अन्दर मानगो गोलीकांड का हुआ पर्दाफास, 6 अपराधकर्मियों को किया गया गिरफ्तार।
डीएसपी निरंजन तिवारी ने सभी को आश्वासन दिया कि उनकी सारी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने सभी से अपील की कि वे शांति व्यवस्था बनाने में प्रशासन का सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की सूचना मिलने पर स्थानीय थाना को सूचित करें और उनका सहयोग करें। डीएसपी ने बताया कि पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही है और सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
रामनवमी को लेकर कदमा थाना में शांति समिति की बैठक में लिए गए निर्णय
बैठक में लिए गए मुख्य निर्णय:
- ईद के दिन मस्जिद एवं ईदगाह वाले रूट में विशेष यातायात व्यवस्था लागू की जाएगी।
- रामनवमी जुलूस के रूट में पड़ने वाले झूलते हुए पेड़ों को काटा जाएगा।
- स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा।
- चैती छठ को देखते हुए घाटों की साफ-सफाई की जाएगी।
- रोड पर अवैध रूप से गिरे बालू-गिट्टी को हटाया जाएगा।
- रोड पर अवैध पार्किंग पर रोक लगाई जाएगी।
- सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
यह उम्मीद की जा रही है कि इन निर्णयों से रामनवमी और चैती छठ का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाएगा।

World’s best IQ level developed system: Click here – iqs.one
त्योहार 2024
मुरली ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन बारीडीह जमशेदपुर द्वारा छठ पर्व पर भगवान सूर्य की आराधना

जमशेदपुर: बारीडीह स्थित मुरली ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन की ओर से छठ पर्व के शुभ अवसर पर सूर्यास्त और सूर्योदय की बेला में भगवान सूर्य की आराधना की गई। इस अवसर पर सभी विद्यार्थियों की सर्वांगीण उन्नति के लिए भगवान सूर्य से प्रार्थना की गई, ताकि वे सकुशल बुद्धिजीवी और ज्ञानी बनें।
मुरली ग्रुप इंस्टीट्यूशन पिछले 15 वर्षों से जिले, प्रखंड और राज्य स्तर पर मुरली पब्लिक स्कूल और मुरली पैरामेडिकल एवं रिसर्च कॉलेज का संचालन कर रहा है। यह संस्थान विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्यरत है, जिससे विद्यार्थी पढ़ाई पूरी कर रोजगार प्राप्त कर सकें या स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर सकें।
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र, मुंबई से एडिशनल डायरेक्टर श्री दीपक कुमार, भुवनेश्वर, उड़ीसा से डायरेक्टर श्री संतोष कुमार, बोकारो से कोऑर्डिनेटर श्री कुमार गौरव, घाटशिला से श्री सागर सतपति और श्री वीरू दास, रांची से श्री मनोज कुमार और महिला मंडल से श्रीमती कुसुम, शशिकला, निशा और ममता ने सहयोग किया।
संस्थान प्रखंड, जिला और राज्य के उत्थान में निरंतर योगदान देता आ रहा है और जनता के विश्वास और प्रेम के साथ अपने शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न कोर्सेज का संचालन कर रहा है। मुरली ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन में ऑपरेशन थिएटर, लैब टेक्नीशियन, ड्रेसर, एएनएम, जीएनएम, बीएससी नर्सिंग, बी फार्मा, बीए, बीकॉम, बीएससी, डिप्लोमा और बीटेक जैसे कोर्सेज में नामांकन की सुविधा है।
नामांकन हेतु श्रीमती शशिकला जी से 74889 83401 और नमिता बेरा से 87971 72442 पर संपर्क किया जा सकता है।
त्योहार 2024
छठ पूजा पर भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन द्वारा सहायता केंद्र की स्थापना

जमशेदपुर : भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन, पूर्व सिंहभूम की ओर से आज छठ पूजा के पावन अवसर पर सहारा सिटी स्विमिंग पूल स्थित छठ घाट पर सहायता केंद्र का आयोजन किया गया। इस केंद्र में औषधि व्यवस्था के रूप में फास्टेड किट उपलब्ध कराए गए हैं ताकि किसी भी चोट या आघात की स्थिति में तुरंत उपचार किया जा सके। साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए जल की भी विशेष व्यवस्था की गई है।
इसके अतिरिक्त, कल उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पूजा संपन्न करने के उपरांत श्रद्धालुओं के लिए शरबत, चाय, कॉफी एवं जलपान की भी व्यवस्था संगठन की ओर से की जाएगी। पिछले 10 वर्षों से यह छठ पूजन का आयोजन इसी स्थान पर किया जा रहा है, जहां स्थानीय समुदाय के 25 से 30 परिवार उत्साहपूर्वक इस पवित्र पर्व में भाग लेते हैं। पूरे कॉलोनी के लोग इस मौके पर एकत्र होकर एक साथ अर्घ्य देते हैं, जिससे यह अवसर सामूहिक एकता और आपसी सौहार्द्र का प्रतीक बन जाता है।
यह भी पढ़ें : डा. अजय ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य,जमशेदपुर वासियों की सुख समृद्धि की कामना की
इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की सेवा में भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन ने पूरी तत्परता से सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया है। एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि इस सहायता केंद्र का मुख्य उद्देश्य छठ व्रतियों को हरसंभव मदद प्रदान करना है ताकि वे इस धार्मिक अनुष्ठान को बिना किसी बाधा के संपन्न कर सकें।
त्योहार 2024
दीपावली क्यों मनाई जाती है? 2024 में शुभ मुहूर्त जानें।

त्यौहार 2024 : दीपावली या दिवाली भारत का एक प्रमुख पर्व है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। इस पर्व को मनाने के पीछे कई पौराणिक और धार्मिक कथाएं हैं, जिनमें से सबसे प्रचलित कथा भगवान श्रीराम से जुड़ी हुई है।
भगवान राम और अयोध्या वापसी की कथा:
यह माना जाता है कि भगवान राम 14 वर्षों के वनवास और रावण का वध करने के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत के लिए अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर घरों को रोशन किया और उल्लास के साथ उनका स्वागत किया। तब से इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाता है, जो अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
धनतेरस और धन के देवता कुबेर:
दीपावली से पहले धनतेरस का पर्व आता है। इस दिन को धन के देवता कुबेर और आरोग्य के देवता धन्वंतरि के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में सुख-समृद्धि लाने के लिए नए बर्तन या आभूषण खरीदते हैं।
मां लक्ष्मी और श्री गणेश की पूजा:
दीपावली के दिन मां लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी, और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो लोग श्रद्धा और प्रेम से दीप जलाकर उनकी पूजा करते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है।
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली:
दीपावली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व आता है। यह दिन असुर नरकासुर पर भगवान कृष्ण की विजय का प्रतीक है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
सिख धर्म और बंधी छोड़ दिवस:
सिख धर्म में दीपावली को बंधी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन छठे सिख गुरु, गुरु हरगोबिंद सिंह जी, मुगल साम्राज्य के बंदीगृह से 52 राजाओं को रिहा कराकर वापस अमृतसर आए थे।
महावीर निर्वाण दिवस:
जैन धर्म में दीपावली भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी, इसलिए इसे जैन समाज में अत्यधिक श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इन सभी कथाओं और मान्यताओं के आधार पर दीपावली का पर्व अच्छाई, ज्ञान, सुख-समृद्धि, और आत्मिक जागरण का प्रतीक बन गया है। यह दिन हमें अपने जीवन में भी अंधकार (अज्ञान और बुराइयों) से दूर होकर प्रकाश (ज्ञान और सच्चाई) की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है।
यह भी पढ़ें : ड्रग्स इंस्पेक्टर ने की दवा दुकानों की जांच, जांच हेतु लिए गए ड्रग्स सैंपल
इस साल 2024 में शुभ मुहूर्त क्या है?
इस साल दिवाली का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर 2024 को है। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे शुरू होगी और 1 नवंबर को शाम 6:16 बजे समाप्त होगी, इसलिए 1 नवंबर को पूजा का सही समय है। लक्ष्मी पूजन का प्रदोष काल शाम 5:45 से रात 8:20 तक है। इसके अलावा, निशिता काल में पूजन का समय रात 11:45 बजे से रात 12:35 बजे तक रहेगा, जो पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है।
दिवाली पर विशेष लक्ष्मी पूजन से घर में समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है, इस कारण घरों की साफ-सफाई और सजावट का महत्व होता है ताकि देवी लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके।
यह भी पढ़ें : जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त के निर्देशानुसार खाद्य प्रतिष्ठानों में जांच अभियान जारी, संग्रह किए गए सैंपल
दीपावली से पहले घरों की साफ-सफाई और सजावट क्यों करते हैं ?
दीपावली से पहले घरों की साफ-सफाई और सजावट का विशेष महत्व है क्योंकि यह पर्व न केवल बाहरी बल्कि आत्मिक और मानसिक स्वच्छता का भी प्रतीक है। इसके कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
1. मां लक्ष्मी का स्वागत: धार्मिक मान्यता के अनुसार, दीपावली के दिन मां लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए घरों को स्वच्छ और सुंदर बनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी स्वच्छ, सजावट वाले स्थानों में ही प्रवेश करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इसलिए, लोग अपने घरों को साफ करके और सजाकर उन्हें माता लक्ष्मी के स्वागत योग्य बनाते हैं।
2. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: सफाई को सकारात्मक ऊर्जा के संचार से जोड़ा गया है। साफ-सफाई से पुराने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जाता है और एक नए, सकारात्मक माहौल का निर्माण किया जाता है। दीपावली को नए सिरे से शुरुआत करने का अवसर माना जाता है, इसलिए यह आवश्यक होता है कि घर का वातावरण भी नकारात्मकता से मुक्त हो।
3. सकारात्मकता और खुशहाली का प्रतीक: दीयों, रंगोली, और फूलों से सजावट करने से न केवल घर सुंदर बनता है, बल्कि यह परिवार में सकारात्मकता और खुशहाली का संचार भी करता है। जब घर साफ और सजाया हुआ होता है, तो यह परिवार के सदस्यों में खुशी, उत्साह और उमंग लाता है, जो कि दीपावली का मुख्य उद्देश्य है।
4. परंपरा और संस्कार: सफाई और सजावट दीपावली की एक परंपरा का हिस्सा है जो कई पीढ़ियों से चली आ रही है। यह हमें हमारे पूर्वजों और पारंपरिक रीति-रिवाजों से जोड़ती है। भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है कि दिवाली पर नए सिरे से शुरुआत करने से पूरे वर्ष घर में समृद्धि बनी रहती है।
साफ-सफाई और सजावट से जुड़े ये कारण दर्शाते हैं कि दीपावली केवल रोशनी का ही नहीं बल्कि स्वच्छता, सकारात्मकता, और समृद्धि का भी पर्व है।
नोट : अधिक जानकारी के लिए पत्रांक देखें या विषय से सम्बन्धित व्यक्ति / जानकर से संपर्क करें।
-
फैशन8 years ago
These ’90s fashion trends are making a comeback in 2017
-
Entertainment8 years ago
The final 6 ‘Game of Thrones’ episodes might feel like a full season
-
धार्मिक2 days ago
रामनवमी पर चांडिल में भव्य शोभा यात्रा, उमड़ा रामभक्तों का जनसैलाब
-
फैशन8 years ago
According to Dior Couture, this taboo fashion accessory is back
-
Entertainment8 years ago
The old and New Edition cast comes together to perform
-
स्पोर्ट्स8 years ago
Phillies’ Aaron Altherr makes mind-boggling barehanded play
-
Entertainment8 years ago
Disney’s live-action Aladdin finally finds its stars
-
व्यापार8 years ago
Uber and Lyft are finally available in all of New York State