राजदह धाम, नावाडीह, सरिया : राजदह धाम झारखंड के गिरिडीह जिले के सरिया प्रखंड में स्थित एक पवित्र तीर्थ स्थल है। यह स्थान न केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि झारखंड के अन्य तीर्थ स्थलों से विशेष इस कारण है कि यहां शिवलिंग की प्राचीनता और इसके साथ जुड़ी कथाएं इसे और भी विशिष्ट बनाती हैं। यह स्थान नावाडीह गांव में स्थित है और धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। राजदह धाम की प्रतिष्ठा मुख्य रूप से यहां स्थित भगवान शिव के मंदिर के कारण है, जो श्रद्धालुओं के बीच गहरी आस्था का केंद्र है।
धार्मिक महत्व
राजदह धाम को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां स्थित प्राचीन शिवलिंग की पूजा हजारों श्रद्धालु करते हैं। महाशिवरात्रि और श्रावण मास में इस धाम पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। लोग यहां गंगाजल और अन्य पूजन सामग्रियों के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने आते हैं। यह विश्वास किया जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। स्थानीय लोककथाओं के अनुसार, यहां भगवान शिव ने एक भक्त की गहरी तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया था। यह भी कहा जाता है कि इस स्थान पर पूजा करने से कठिन से कठिन संकट दूर हो जाते हैं।
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ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
राजदह धाम का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। यह स्थान ऋषि-मुनियों की तपोभूमि के रूप में जाना जाता है। यहां की मूर्तियां और मंदिर की स्थापत्य कला इस स्थान की प्राचीनता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती हैं। माना जाता है कि यह धाम अतीत में एक प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र था।
प्राकृतिक सौंदर्य
राजदह धाम की प्राकृतिक सुंदरता इसे और भी आकर्षक बनाती है। यहां की घनी हरियाली, शांत झीलें, और आसपास की पहाड़ियों का दृश्य अद्वितीय है। पास में स्थित छोटी जलधाराएं और पक्षियों की चहचहाहट इस स्थान की खूबसूरती को और बढ़ा देती हैं। यह स्थान हरियाली और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसे एक शांत और सुकून भरा माहौल प्रदान करता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांति ध्यान और योग के लिए एक आदर्श स्थान है।
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प्रमुख उत्सव और मेले
राजदह धाम पर हर वर्ष महाशिवरात्रि और श्रावण मास के दौरान बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। इन मेलों में भक्तों के लिए भजन-कीर्तन, धार्मिक प्रवचन और सामूहिक पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही, स्थानीय हस्तशिल्प और व्यंजनों के स्टॉल श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। इन अवसरों पर यहां विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। आसपास के गांवों और शहरों से हजारों श्रद्धालु इन मेलों में शामिल होते हैं। इसके अलावा, कार्तिक पूर्णिमा और अन्य धार्मिक पर्वों पर भी यहां विशेष आयोजन किए जाते हैं।
आवागमन और सुविधा
राजदह धाम तक पहुंचना सुविधाजनक है। यह सरिया प्रखंड से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और मुख्य सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। गिरिडीह, धनबाद और कोडरमा जैसे प्रमुख शहरों से यहां तक बस, टैक्सी और ऑटो रिक्शा जैसे परिवहन के साधन उपलब्ध हैं। स्थानीय लोगों से मार्गदर्शन प्राप्त करना आसान है, और साइनबोर्ड भी यात्रा को सुगम बनाते हैं। यह सरिया प्रखंड से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और मुख्य सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। गिरिडीह, धनबाद और कोडरमा जैसे प्रमुख शहरों से यहां तक बस, टैक्सी और अन्य वाहनों के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है। स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति द्वारा यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं की व्यवस्था की जाती है।
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विशेष आकर्षण
- शिव मंदिर: यहां का मुख्य आकर्षण भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है।
- मेले और उत्सव: महाशिवरात्रि और श्रावण मास में आयोजित मेले इस स्थान की विशेष पहचान हैं।
- प्राकृतिक वातावरण: पहाड़ों और हरियाली से घिरा यह स्थल भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
निष्कर्ष
राजदह धाम धार्मिक और प्राकृतिक महत्व का अद्वितीय संगम है। यह स्थान न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का केंद्र है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षक गंतव्य है। अगर आप धार्मिक और आध्यात्मिक शांति की खोज में हैं, तो राजदह धाम अवश्य जाएं। यहां की पवित्रता, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता आपको एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगी।
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