म्यांमार : 1 फरवरी 2021 को म्यांमार में तख्तापलट जनरल कमांडर इन चीफ मिन ऑग ह्लाइंग के नेतृत्व में कर दिया गया था। उसकी तानाशाही इतनी बढ़ चुकी है कि लोकतंत्र का हवाला देते हुए, अबतक 400 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गोली मार दी गई है। म्यांमार की सेना या आर्मी को जुंटा कहा जाता है और जुंटा ने 1 फरवरी, 2021 को लोकतांत्रिक सरकार को बेदखल करते हुए म्यांमार में एक वर्ष के लिए आपातकाल की घोषणा करते हुए मिलिट्री शासन की घोषणा कर दी थी।
बता दें कि म्यांमार की सेना ने लोकतांत्रिक व्यवस्था से चुनी सरकार को सत्ता से बेदखल कर तानाशाही व्यवस्था लगा दी और उसके फलस्वरूप पूरे देश में तानाशाही सेना के विरोध में प्रदर्शन जारी है। इस विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए ही सेना लगातार आम नागरिकों की हत्या करवा रही है।
पिछले दो महीने से सेना ने देश को अपने कब्जे में रखा है। वहीं सेना की बर्बरता भी कम नहीं हो रही है। तानाशाही सेना ने शनिवार 28 मार्च, 2021 को म्यांमार में 114 से अधिक नागरिकों की हत्या कर दी। उनका दोष बस इतना था कि वे सब तानाशाही सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहें थे। सभी स्थानीय और राष्ट्रीय अखबारों, न्यूज चैनलों में इसकी जानकारी दी गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कुकृत्य की निंदा की जा रही है।
खबरों में बताया म्यांमार की तानाशाही सेना लगातार प्रदर्शनकारियों को दबाने की कोशिश कर रही है। लेकिन यह आग रुकने का नाम ही नहीं ले रही है सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। जिससे क्रोधित होकर म्यांमार की सेना निर्दोष नागरिकों को गोली मार रही है।
अंतरराष्ट्रीय अखबारों के रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार के 44 शहरों में हुए प्रदर्शन के खिलाफ सेना ने प्रदर्शनकारियों को चुन-चुन कर टार्गेट करते हुए गोलियां मारी हैं। इस क्रम में सेना ने मिक्तीला के आवासीय स्थानों पर गोलीबारी कर दी जिसमें 13 वर्ष का एक लड़का मारा गया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सेना को आदेश दिया गया है कि प्रदर्शनकारियों के सिर में गोली मार दी जाए। जुंटा ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर और सबसे बड़ी नेता आंग सान सू की एवं राष्ट्रपति को नजरबंद कर रखा है।
जुंटा सेना की इस प्रकार से हिंसक कार्रवाई को देखते हुए यूनाइटेड नेशंस ने निंदा की है।
यूएन ने जुंटा की निंदा करते हुए बेहद ही कड़े शब्दों में इस कार्रवाई को रोकने का आदेश दिया है और कहा है की सेना द्वारा की जा रही हिंसा पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसे तत्काल बंद कर दें।
वहीं यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि ‘म्यांमार में सेना लगातार आम नागरिकों के विद्रोह को कुचलने के लिए गोली का इस्तेमाल कर रही है, जिस वजह से म्यांमार में शनिवार को अधिक लोग मारे गये, म्यांमार में हुई सेना की यह हिंसक कार्रवाई स्वीकार नहीं हैं। यूएन म्यांमार में एकीकृत और कठोर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की मांग जल्द करता है। इसके लिए तत्काल समाधान किये जाने की आवश्यकता है और इसके लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ शख्त कार्रवाई होनी चाहिए।’
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