झारखंड
नदी बनी मौत का घाट: 🕯️ राजदाह धाम में फिर डूबा एक छात्र, बराकर नदी बनी मौत का घाट

- नदी बनी मौत का घाट: एक महीने में दूसरी दर्दनाक मौत, 16 वर्षीय शेखर मोदी की डूबने से जान गई
📍 सरिया, गिरिडीह: गिरिडीह जिले के सरिया प्रखंड अंतर्गत राजदाह धाम में रविवार को एक और दर्दनाक हादसा हुआ। बराकर नदी में नहाने गए 16 वर्षीय किशोर शेखर मोदी की डूबने से मौत हो गई। एक महीने के भीतर यह दूसरी घटना है, जिसने क्षेत्रवासियों को झकझोर कर रख दिया है।
🚨 क्या हुआ रविवार को
रविवार 1 जून 2025, दोपहर शेखर मोदी, जो सरिया का रहने वाला था, अपने दो दोस्तों के साथ राजदाह धाम स्थित बराकर नदी में नहाने गया था। नहाने के दौरान वह पानी की गहराई में चला गया और डूबने लगा। उसके दोनों मित्र तो किनारे निकल आए, लेकिन शेखर बाहर नहीं आ सका। परिजनों को सूचना मिलने के बाद, मौके पर तीव्र खोजबीन शुरू की गई। लगभग 3 घंटे के प्रयासों के बाद स्थानीय युवकों की मदद से शव बरामद किया गया।
🧓 परिजनों का बयान
मृतक के चाचा मन्नू मोदी ने बताया कि शेखर स्कूल की छुट्टी के बाद दोस्तों के साथ नदी में गया था। शुरुआत में किसी को अंदेशा नहीं था, लेकिन जब वह बाहर नहीं निकला, तो चिंता बढ़ गई। शव मिलने के बाद मां-बाप और परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
Read More: झारखंड महिला फुटबॉल फेडरेशन के वाइस चेयरमैन बने दलजीत सिंह
🕵️♂️ प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही सरिया थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। राजदाह धाम समिति और स्थानीय प्रशासन ने नदी किनारे सुरक्षा प्रबंधन पर चिंता जताई है।
⚠️ एक महीने में दो मौतें – आखिर कब लगेगा रोक?
- ठीक एक महीने पहले भी इसी धाम में एक अन्य छात्र की डूबने से मौत हुई थी
- कोई सुरक्षा गार्ड, चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग नहीं — बच्चों की जान से हो रहा खिलवाड़
- स्थानीय लोगों ने प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की है
📝 भावनात्मक अपील
राजदाह धाम जहां लोग श्रद्धा से आते हैं, अब मौत का प्रतीक बनता जा रहा है। परिवार एकलौते बेटे को खो चुका है, और गांव में मातम पसरा है। प्रशासन से अपेक्षा है कि इस पवित्र स्थल को अब सुरक्षा कवच दिया जाए, ताकि ऐसी घटनाएं फिर न दोहराई जाएं।
वीडियो देखें: